बिहार में हुए वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के बवाल के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने वोटर लिस्ट में फर्जी वोटर्स को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक की मतदाता सूचियों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इन राज्यों में चुनावों में गड़बड़ी और हेराफेरी हुई है। दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने एक प्रेजेंटेशन के जरिए दावा किया, “संविधान की नींव वोट है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सही लोगों को वोट डालने का मौका मिल रहा है? क्या फर्जी नामों को वोटर लिस्ट में जोड़ा गया?” उन्होंने कहा कि “महाराष्ट्र का चुनाव हम हार गए, लेकिन वहां 40 लाख वोटर रहस्यमयी हैं। सिर्फ पांच महीने में बड़ी संख्या में वोटर्स जोड़े गए।”

उन्होंने चुनाव आयोग से सवाल करते हुए कहा, “वोटर लिस्ट की वैधता पर आयोग को सफाई देनी चाहिए। क्या ये लिस्ट सही है या नहीं?” राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि “चुनाव आयोग हमारे द्वारा मांगे गए इलेक्ट्रॉनिक डेटा को साझा नहीं कर रहा है। हमने कई बार अनुरोध किया, लेकिन न जवाब मिला और न ही डेटा।”
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कर्नाटक की जांच का हवाला
उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने अपनी जांच खुद शुरू की थी, जिसमें छह महीने का वक्त लगा। खास तौर पर बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुर विधानसभा क्षेत्र पर जांच की गई, जहां कांग्रेस 32,707 वोटों से हारी थी, जबकि बीजेपी को पूरे क्षेत्र में एक लाख से अधिक वोटों का अंतर मिला।

राहुल गांधी ने कहा, “हमें शक हुआ कि यहां कुछ गड़बड़ है। जांच में पता चला कि वोटर लिस्ट में कई गड़बड़ियां हैं—कई मतदाताओं के पिता के नाम गलत हैं, पते अधूरे या शून्य हैं, और डुप्लीकेट वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा है।”

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि “11 हजार से ज्यादा संदिग्ध वोटर्स ऐसे हैं, जिन्होंने तीन बार वोट डाला। एक ही पते पर 46 वोटर दर्ज हैं। ये सब चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत का परिणाम है।” राहुल गांधी ने मांग की कि चुनाव आयोग इन आरोपों का स्पष्ट जवाब दे और मतदाता सूचियों की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।