नई दिल्ली : बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिए गए उनके बयान पर तीखा हमला बोला है। त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर भारतीय सेना का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 1971 की जंग में जीत के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को वापस देना असल में सरेंडर था।
त्रिवेदी ने राहुल गांधी के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार द्वारा पाकिस्तान को पहले से सूचित करने को “अपराध” करार दिया था। राहुल ने दावा किया था कि इस वजह से भारतीय वायुसेना को नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने राहुल के दावों को खारिज करते हुए कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान को ऑपरेशन शुरू होने के आधे घंटे बाद सूचित किया गया था, न कि पहले।
ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना ने मई 2025 में अंजाम दिया था, जिसमें पाकिस्तान और PoK में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के दो हफ्ते बाद की गई थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। ऑपरेशन के तहत चार ठिकाने पाकिस्तान में और पांच PoK में नष्ट किए गए।
सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “जब पाकिस्तान की एक तिहाई सेना हमारी हिरासत में थी, तब PoK को वापस क्यों नहीं लिया गया? और हमारे 54 युद्धबंदियों को पाकिस्तान से वापस क्यों नहीं लाया गया?” उन्होंने राहुल के बयानों को “आपत्तिजनक और सस्ता” करार दिया। दूसरी ओर, राहुल गांधी ने भोपाल में एक सभा में कहा था कि बीजेपी और आरएसएस दबाव में झुक जाते हैं। उन्होंने 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय इंदिरा गांधी ने अमेरिका की धमकी के बावजूद पाकिस्तान को तोड़ा था, लेकिन मौजूदा सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन कॉल पर “सरेंडर” कर देती है।
राहुल गांधी इससे पहले भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर बीजेपी के निशाने पर रहे हैं। फरवरी 2025 में उन्होंने दावा किया था कि चीन ने भारत की 4,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है, जिसे सेना और बीजेपी ने “राजनीति से प्रेरित अतिशयोक्ति” करार देते हुए खारिज कर दिया था।
यह विवाद एक बार फिर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य कार्रवाइयों को लेकर सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच गहरे मतभेदों को उजागर करता है।