श्रीनगर: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से उनके श्रीनगर स्थित आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात ने केंद्र शासित प्रदेश में सियासी हलचल को और तेज कर दिया है।
राहुल गांधी की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग जोर पकड़ रही है। साल 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से यह क्षेत्र सियासी उथल-पुथल का गवाह रहा है। राहुल गांधी ने पहले भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की आलोचना की थी। अगस्त 2024 में अपनी श्रीनगर यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि भारत के इतिहास में पहली बार किसी राज्य का दर्जा छीनकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
बताते चलें कि उमर अब्दुल्ला, अक्टूबर 2024 में जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने, नेशनल कॉन्फ्रेंस का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी पार्टी ने 2024 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ मिलकर INDIA ब्लॉक के तहत गठबंधन किया था, जिसमें उन्हें 49 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। यह मुलाकात दोनों दलों के बीच गठबंधन को और मजबूत करने का संकेत मानी जा रही है।
राहुल गांधी की श्रीनगर यात्रा का इतिहास भी चर्चा में रहा है। साल 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उनकी एक यात्रा को प्रशासन ने हवाई अड्डे पर ही रोक दिया था, जिसके बाद उन्होंने केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए थे। वहीं, 2023 में उनकी एक निजी यात्रा के दौरान उमर अब्दुल्ला उनके साथ गुलमर्ग में छुट्टियां मनाने गए थे, जिससे दोनों नेताओं के बीच नजदीकी की झलक मिली थी।
जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने और स्थानीय संस्कृति व अधिकारों की रक्षा के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस लगातार आवाज उठा रहे हैं। इस मुलाकात को इसी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात आने वाले दिनों में केंद्र शासित प्रदेश की सियासत को नई दिशा दे सकती है।