बिहार की सियासत में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की वोट अधिकार यात्रा राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ा रही है। रविवार को इस यात्रा का आठवां दिन पूर्णिया जिले से शुरू हुआ, जहां राहुल गांधी ने सुबह बाइक रैली के साथ कार्यकर्ताओं और आम जनता से जुड़ाव का संदेश दिया। उन्होंने खुश्कीबाग से लाइन बाजार, पंचमुखी मंदिर, रामबाग और सिटी इलाके से होते हुए कसबा और अररिया की ओर कूच किया। रास्ते भर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। जगह-जगह कांग्रेस के झंडों के साथ भीड़ जमा रही और राहुल गांधी की एक झलक पाने के लिए लोग घंटों सड़क किनारे खड़े दिखाई दिए।
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इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को संभालने में पुलिस को बार-बार दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी। खास बात यह रही कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में राहुल गांधी को देखने का उत्साह दिखा, हालांकि वे भीड़ के कारण कहीं पर अधिक देर नहीं रुके और अररिया की ओर बढ़ गए, जिससे कुछ समर्थकों में निराशा भी देखी गई।
राहुल गांधी ने इससे पहले पूर्णिया के गौरा पंचायत से खुली जीप में यात्रा की शुरुआत की और बेलौरी तक पहुंचे। इसके बाद बाइक रैली के जरिए उन्होंने सड़कों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। यह यात्रा केवल एक सियासी शो ऑफ भर नहीं रही बल्कि भीड़ और जोश ने इसे एक जनांदोलन का रूप दिया।
शनिवार देर रात राहुल गांधी पूर्णिया के गौरा मोड़ स्थित ठहराव स्थल पर पहुंचे थे, जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान विपक्षी एकता का भी मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और भाकपा महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य समेत कई नेता इस यात्रा में शामिल हुए। नेताओं ने एक ही पंडाल परिसर में रात गुजारकर यह संकेत दिया कि बिहार में विपक्ष एकजुट होकर एनडीए को चुनौती देने के लिए तैयार है। आयोजन की पूरी व्यवस्था दिल्ली से आए लगभग 80 वॉलंटियर्स की कैंप क्रू ने संभाली, जिसने यात्रा को व्यवस्थित और भव्य बनाने में अहम भूमिका निभाई।






















