पटना में रविवार को कांग्रेस ने राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा (Rahul Gandhi Voter Adhikar Yatra) को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें पार्टी नेताओं ने साफ किया कि यह आंदोलन केवल सत्ता परिवर्तन का नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान में दिए गए मतदान के अधिकार को बचाने की लड़ाई है। कांग्रेस के मीडिया विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि 1 सितंबर एक ऐतिहासिक दिन होगा, क्योंकि महागठबंधन के सभी बड़े नेता इस यात्रा के अंतिम चरण में शामिल होकर जनता की आवाज को बुलंद करेंगे।
पवन खेड़ा ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी जहां भी गए, वहां उन्हें काले झंडे दिखाए गए, लेकिन उन्होंने विरोधियों को भी चॉकलेट बांटकर करारा संदेश दिया कि उनकी राजनीति नफरत नहीं, बल्कि मोहब्बत और संवाद की है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने अब तक 89 लाख शिकायतें चुनाव आयोग को सौंपी हैं, मगर आयोग ने उनकी कोई रसीद तक नहीं दी। खेड़ा के मुताबिक, यह साफ संकेत है कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सत्ता का दबाव है और कई शिकायतों को दर्ज ही नहीं किया जा रहा है।
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कांग्रेस नेता राजेश राम ने कहा कि राहुल गांधी की यह यात्रा केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि जनता के संवैधानिक अधिकारों की आवाज है। उनका कहना था कि 1 सितंबर को यात्रा का औपचारिक समापन भले हो जाएगा, लेकिन वोटरों के अधिकार की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने साफ कहा कि यह आंदोलन सरकार बनाने के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र में हो रहे कथित अन्याय और वोटरों को वंचित किए जाने के खिलाफ है।
वहीं, कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने इस यात्रा की तुलना आजादी के आंदोलन से करते हुए कहा कि बिहार की जनता ने राहुल गांधी को अपार समर्थन दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की हताशा इस कदर है कि उसने कांग्रेस के दफ्तर पर हमला किया। अखिलेश सिंह ने दावा किया कि बिहार की जनता के आशीर्वाद और राहुल गांधी के नेतृत्व में महागठबंधन आगामी चुनावों में दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगा।