पटना : 1 सितंबर की सुबह 10:50 बजे से शुरू होने वाली वोटर अधिकार यात्रा (Voter Adhikar Yatra) अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महागठबंधन के तमाम नेता इस यात्रा का समापन पटना में करेंगे। सबसे पहले महात्मा गांधी को माल्यार्पण कर यात्रा की शुरुआत होगी और समापन आंबेडकर मूर्ति स्थल पर होगा। इस समापन कार्यक्रम का नाम “गांधी से अंबेडकर” रखा गया है, जो प्रतीकात्मक रूप से लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के संदेश को सामने लाता है।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने साफ कहा है कि यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता को जागरूक करने का अभियान है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि “जो सरकार वोट चोरी से बनती है, वह कभी जनता का भला नहीं कर सकती।” अल्लावरू ने आरोप लगाया कि बिहार की सत्ता नीतीश कुमार के नाम पर नहीं बल्कि असल में बीजेपी चला रही है। उन्होंने अपराध, क्राइम कंट्रोल और मंत्रिमंडल में विवादित नेताओं की मौजूदगी पर भी सवाल खड़े किए।
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यात्रा का मार्ग भी काफी प्रतीकात्मक रखा गया है। राहुल गांधी गांधी मैदान गेट नंबर-1 से एसपी वर्मा रोड, डाकबंगला चौराहा, कोतवाली थाना, इनकम टैक्स गोलंबर और नेहरू पथ से होते हुए आंबेडकर मूर्ति तक मार्च करेंगे। इस मार्ग से यह संदेश देने की कोशिश है कि लोकतंत्र की यात्रा जनता के बीच से होकर जाती है।
कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने इस अवसर पर कहा कि “देश के हर कोने में आज एक ही नारा गूंज रहा है– वोट चोर, गद्दी छोड़।” उन्होंने बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर लोकतंत्र से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि जनता को इस साजिश के खिलाफ खड़ा होना होगा। पांडे ने दावा किया कि भाजपा का जनाधार कमजोर हो चुका है और उनका सत्ता में लौटना लगभग असंभव है।
राहुल गांधी इस यात्रा के जरिए लोगों से सीधे संवाद कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि वोट चोरी के गंभीर आरोपों पर मोदी सरकार चुप क्यों है। राहुल गांधी का मानना है कि अगर ईमानदारी से चुनाव हुए होते तो लोकसभा का परिणाम अलग होता। उनका यह भी कहना है कि देश एक “अनकहे आपातकाल” से गुजर रहा है और यही कारण है कि वह संविधान बचाने की लड़ाई को आगे बढ़ा रहे हैं।






















