बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का दौरा कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण और खास बन गया है। राहुल गांधी ने इस दौरे में न केवल राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर अपनी मंशा स्पष्ट की, बल्कि बिहार के गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के लिए कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता भी जाहिर की। बेगूसराय में कन्हैया कुमार के साथ ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा में शामिल होने के बाद, राहुल गांधी पटना पहुंचे, जहां श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित संविधान सुरक्षा सभा को संबोधित किया।
यह सभा कांग्रेस के सीनियर नेताओं और कार्यकर्ताओं से भरी हुई थी और राहुल गांधी ने यहां बिहार में कांग्रेस के भविष्य को लेकर कई अहम बातें साझा की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य बिहार के हर गरीब और कमजोर वर्ग, खासकर दलितों, ओबीसी, ईबीसी और महादलितों की आवाज बनना है। राहुल गांधी ने बिना किसी लाग-लपेट के स्वीकार किया कि कांग्रेस पार्टी ने बिहार में उतना काम नहीं किया, जितना उसे करना चाहिए था। लेकिन अब, उन्होंने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि पार्टी पूरी ताकत के साथ उन समुदायों के लिए काम करेगी, जिन्हें आज तक सशक्त नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह उन लोगों को इज्जत दे, जिन्हें समाज में आज भी हाशिए पर रखा गया है। हम इस बार पूरे उत्साह और शक्ति के साथ बिहार के गरीब, दलित, ओबीसी और महादलित वर्ग के लोगों को एक साथ लेकर आगे बढ़ेंगे।” इसके साथ ही राहुल ने यह भी स्पष्ट किया कि हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने जिलाध्यक्षों की जो नई सूची जारी की है, उसमें दो तिहाई पदों पर ईबीसी, ओबीसी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग नियुक्त किए गए हैं। यह कदम उनके द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण और स्थायी बदलाव है, जिसे पार्टी के भीतर और बाहर समान रूप से सराहा गया।
राहुल गांधी ने इस अवसर पर यह भी जोड़ा कि “हमने बिहार की टीम को स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि उनका मुख्य उद्देश्य राज्य के गरीबों और कमजोर वर्गों का प्रतिनिधित्व करना है। हम चाहते हैं कि राजनीति में इन वर्गों के लिए दरवाजे खोले जाएं। हम चाहते हैं कि बिहार का चेहरा बदले, और इसके लिए हम एनडीए की सरकार द्वारा संचालित अरबपति राजनीति से लड़ रहे हैं और इसे हराने का संकल्प लिया है।”