Hydrogen Bomb: बिहार की राजनीति में इस समय शब्दों के बम खूब फूट रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के अंतिम दिन पटना में तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि अब ‘वोट चोरी का हाइड्रोजन बम’ फूटेगा। राहुल गांधी के इस बयान ने जहां विपक्षी खेमे को नई ऊर्जा दी, वहीं सत्ताधारी दल ने इसे आक्रामक तरीके से लपक लिया है। केंद्रीय मंत्री और हम (Hindustani Awam Morcha) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने मंगलवार को राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि “एटम बम फोड़कर क्या हुआ? एक चींटी तक नहीं मरी। उसी प्रकार से हाइड्रोजन बम फूटेगा तो भी कोई असर नहीं होगा।”
मांझी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेता के पास न कोई ठोस मुद्दा है और न ही जनता को भरोसा दिलाने वाला एजेंडा। उन्होंने कहा कि एसआईआर (Special Summary Revision) की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है, इसमें मृतकों के नाम हटाए जा रहे हैं और जिनका नाम नहीं था, उन्हें जोड़ा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बाहरी तत्व वोटर लिस्ट में शामिल होकर बिहार की राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं, जिसे किसी कीमत पर होने नहीं दिया जाएगा। मांझी ने साथ ही कहा कि 2025 के चुनाव में सब कुछ साफ हो जाएगा और जनता तय करेगी कि किस पर भरोसा किया जाए।
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पत्रकारों द्वारा नीतीश कुमार के अधिकारी के घर से बरामद करोड़ों रुपये के सवाल पर मांझी ने मुख्यमंत्री का बचाव किया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार केवल बिहार में नहीं, बल्कि पूरे देश में फैला है। फर्क इतना है कि नीतीश कुमार किसी भी परिस्थिति में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करते। अगर उनके ही पदाधिकारी गलत करते हैं तो वे भी जांच के दायरे में आते हैं। मांझी ने इसे नीतीश कुमार का “बड़प्पन” बताया और कहा कि यही वजह है कि बिहार सरकार भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई करने में पीछे नहीं हटती।






















