अगर आप रेलवे के तत्काल टिकट सिस्टम से अक्सर जूझते हैं और हर बार ‘Waiting List’ में फंस जाते हैं, तो अब आपके लिए एक राहत की खबर है। भारतीय रेलवे में बहुत जल्द ऐसा सिस्टम लागू होने जा रहा है जिससे फर्जी अकाउंट्स और दलालों की मनमानी पर लगाम लगेगी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार प्रमाणीकरण (e-Aadhaar authentication) को लागू करेगा।
मंत्री ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से ट्वीट किया है कि “भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुक करने के लिए ई-आधार प्रमाणीकरण का उपयोग शुरू करेगी। इससे वास्तविक उपयोगकर्ताओं को ज़रूरत के दौरान कन्फर्म टिकट पाने में मदद मिलेगी।” इस ट्वीट के साथ ही यात्रा के सबसे तनावपूर्ण हिस्से – तत्काल टिकट बुकिंग – को लेकर यात्रियों में एक नई उम्मीद जग गई है।
क्या है e-Aadhaar Authentication और इसका फायदा क्या होगा?
रेलवे का यह कदम उन लाखों यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जो इमरजेंसी में ट्रैवल करने के लिए टिकट नहीं मिलने की समस्या से जूझते हैं। आधार ऑथेंटिकेशन के जरिए:
- एक ही व्यक्ति द्वारा कई फर्जी अकाउंट्स से टिकट बुकिंग नहीं हो सकेगी
- IRCTC पर बॉट्स या दलालों की बुकिंग पर लगाम लगेगी
- सिर्फ वास्तविक और सत्यापित यूज़र्स को ही तत्काल टिकट मिल पाएंगे
IRCTC पर टिकट बुकिंग का सिस्टम कैसे बदलेगा?
अब तक IRCTC पर टिकट बुक करने के लिए सिर्फ एक ID और मोबाइल OTP काफी होता था। लेकिन इस नई व्यवस्था के तहत, यूज़र को टिकट बुक करते समय आधार आधारित e-KYC पूरी करनी होगी। यानी आपका आधार नंबर और उससे लिंक्ड मोबाइल पर आए OTP से पुष्टि होगी कि आप असली यात्री हैं।
क्या दलालों की चालबाजी पर लगेगी लगाम?
रेलवे में टिकट दलाली एक पुरानी और गंभीर समस्या रही है। बड़ी संख्या में एजेंट या बॉट सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल कर IRCTC पर तत्काल टिकट कुछ सेकंड में बुक कर लेते हैं। इससे आम यात्री को टिकट नहीं मिल पाता। लेकिन आधार प्रमाणीकरण लागू होने से:
- फर्जी अकाउंट डिटेक्ट होंगे
- रीयल टाइम वेरिफिकेशन से फास्ट ट्रैक बुकिंग रुकेगी
- एक ही व्यक्ति के नाम पर एक ही बुकिंग संभव होगी