भारतीय रेल ने तत्काल टिकट बुकिंग (Railway Tatkal Ticket) में लंबे समय से चली आ रही गड़बड़ियों पर अब सीधा और निर्णायक प्रहार किया है। यात्रियों की सुविधा, पारदर्शिता और सुरक्षित टिकट प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य से रेलवे ने ओटीपी आधारित तत्काल टिकट बुकिंग व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। 18 दिसंबर से देशभर की 100 चयनित ट्रेनों में पीआरएस काउंटरों पर यह नई व्यवस्था प्रभावी हो रही है, जिसमें समस्तीपुर मंडल के अंतर्गत आने वाले सभी पीआरएस काउंटर शामिल हैं।
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अब तत्काल टिकट बुकिंग के दौरान यात्री के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी भेजा जाएगा। जब तक इस ओटीपी का सत्यापन नहीं होगा, तब तक टिकट जारी नहीं किया जा सकेगा। रेलवे के इस कदम को टिकट माफिया और दलालों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है। वर्षों से यह शिकायत सामने आती रही है कि तत्काल टिकट का बड़ा हिस्सा आम यात्रियों तक पहुंचने से पहले ही अवैध तरीके से बुक कर लिया जाता है, जिससे जरूरतमंद यात्रियों को खाली हाथ लौटना पड़ता है।
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ओटीपी आधारित यह प्रणाली पवन एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस, बरौनी–ग्वालियर एक्सप्रेस, राज्यरानी एक्सप्रेस और हाटे बाजार एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनों सहित कुल 100 चयनित ट्रेनों में लागू की जा रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव केवल तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि यात्रियों के विश्वास को दोबारा मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है। डिजिटल सत्यापन से यह सुनिश्चित होगा कि तत्काल टिकट का लाभ उसी व्यक्ति को मिले, जिसने वास्तविक रूप से यात्रा करने के लिए टिकट बुक किया है।















