नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचाई है। असम, राजस्थान और गुजरात में जल-प्रलय के कारण स्थिति गंभीर हो गई है, जबकि उत्तराखंड के केदारनाथ में भारी बारिश के कारण पहाड़ टूटने की खबरें सामने आई हैं।
असम में बाढ़ ने करीब 5.5 लाख लोगों को बेघर कर दिया है, और 25 लाख से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न हो गया है। राज्य सरकार के अनुसार, बाढ़ ने फसलों, पशुओं और वन्यजीवों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। काजीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व के 53 शिविर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे वन्यजीवों की सुरक्षा चिंता का विषय बन गई है।
राजस्थान और गुजरात में भी भारी बारिश के कारण बाढ़-जैसी स्थिति पैदा हो गई है। गुजरात में राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की 12 टीमें बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। द्वारका और पोरबंदर जिलों में भारी बारिश से भवनों के ढहने और सड़कों के जलमग्न होने की रिपोर्ट्स हैं। स्थानीय अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत शिविरों में शरण देने का काम जारी रखा है।
उत्तराखंड के केदारनाथ में भारी बारिश के कारण एक पहाड़ के टूटने की खबरें हैं, जिससे इलाके में भूस्खलन और जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने तीर्थयात्रियों और निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसम की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे हिमालयी क्षेत्रों जैसे संवेदनशील इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता और बढ़ गई है। बढ़ते तापमान और बदलते वर्षा पैटर्न इन आपदाओं को और गंभीर बना रहे हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। NDRF, स्थानीय पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। साथ ही, रेड क्रॉस और अन्य संगठन प्रभावितों को सहायता पहुंचाने में जुटे हैं।
देश के इन हिस्सों में जारी आपदा के बीच प्रशासन और राहत एजेंसियां लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।