जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद तमाम तरह की अटकलें लगाईं जा रही हैं। उनके इस्तीफे को लेकर विपक्ष कई तरह के आरोप लगा रहा है। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ का यह कहना कि वो विदाई भाषण भी नहीं देंगे, अटकलों का बाजार गर्म कर रहा है। मतलब साफ नजर आने लगा है कि कहीं न कहीं सब कुछ राजी खुशी नहीं हुआ है।
RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन का संचालन अच्छे से किया, ऐसे में रात में उनका इस्तीफा देना हैरानी की बात है। अब सवाल उठता है कि इस्तीफा दिया गया या लिया गया। अगर स्वास्थ्य की बात है तो सत्र से पहले ही इस्तीफा दे सकते थे। चर्चाएं हैं कि इस्तीफा लिया गया, क्या कारण है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं।
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वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह अचेत अवस्था में हैं, उनके स्वास्थ्य को लेकर भी खबरें आ रही हैं, अगर जगदीप धनखड़ इस्तीफा दे सकते हैं तो सवाल उठता है कि ऐसी क्या मजबूरी है कि भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा बना रही है। हमें लगता है कि जो जगदीप धनखड़ के साथ हुआ, वही चुनाव के बाद नीतीश कुमार के साथ होगा, जो महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के साथ हुआ, वही नीतीश कुमार के साथ होगा।”
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “जिस तरह अचानक से रहस्यमय तरीके से उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया है यह कई सवालों को अनुत्तरित छोड़ देता है, भाजपा का संवैधानिक कार्यालयों और प्रक्रियाओं दोनों को कमजोर करने का ट्रैक रिकॉर्ड है। भाजपा का संवैधानिक पदाधिकारियों का अपमान करने और संवैधानिक तंत्र को कमजोर करने का भी ट्रैक रिकॉर्ड है… जो दिख रहा है और जो कारण है वह पूरी तरह से अलग है। हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी आगे आएं और भारत के लोगों और संसद को विश्वास में लें।”