जब राजभवन के प्रांगण में रंग-बिरंगे परिधानों में सजे कलाकारों ने राजस्थानी लोकगीतों पर थिरकना शुरू किया, तो ऐसा लगा मानो रेगिस्तान की मिट्टी की महक बिहार की राजधानी में बिखर गई हो। मौका था राजस्थान के 76वें स्थापना दिवस का, जहां न केवल राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखी, बल्कि एकता, परंपरा और गौरव का अद्भुत संगम भी नजर आया।
600 से अधिक मारवाड़ी समाज के लोगों की गरिमामयी उपस्थिति
राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर रविवार को राजभवन में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यह कार्यक्रम बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन, पटना नगर शाखा द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें राजस्थान से आकर बिहार में बसे 600 से अधिक मारवाड़ी समाज के लोग शामिल हुए।

“राजस्थान केवल एक राज्य नहीं, यह एक विचारधारा है”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री खान ने कहा, “राजस्थान केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि संस्कार, संस्कृति, बलिदान और शौर्य की जीवंत धरोहर है। यहां के लोगों ने अपनी मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा से देश के हर कोने की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है।” उन्होंने आगे कहा कि “इस प्रकार के आयोजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करते हैं और देश की सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित रखते हैं।”
“हम राजस्थान जाते हैं, तो कहते हैं ‘देस जा रहे हैं'”
बिहार के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि “राजस्थान केवल वहाँ रहने वालों का नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति का है जो इसकी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। हम जब राजस्थान जाते हैं, तो यह नहीं कहते कि हम किसी और राज्य में जा रहे हैं, बल्कि कहते हैं कि हम ‘देस’ जा रहे हैं। राजस्थान हमारी आत्मा में बसा है।”
संस्कृति की महक: लोकगीतों और नृत्यों ने मोहा मन
कार्यक्रम के दौरान राजस्थानी लोकनृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजी कलाकार तान्या, साक्षी मित्तल और प्रवालिका सिंह सहित अन्य कलाकारों ने राजस्थानी लोकगीतों पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के संयोजक आशीष आदर्श ने नृत्यों के ऐतिहासिक महत्व को बताते हुए पूरे समारोह को एक नया आयाम दिया।
पटना की प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उषा डिडवानिया ने कहा कि “राजस्थान केवल एक प्रदेश नहीं, बल्कि एक सोच है। एक ऐसी सोच, जिसने हमें संस्कृति से जोड़े रखा और जीवन को परंपराओं से समृद्ध किया।”

अतिथियों संग आत्मीय संवाद, राज्यपाल की सादगी ने मोहा मन
कार्यक्रम के दौरान बिहार सरकार के प्रधान सचिव श्री प्रेम सिंह मीणा, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री गोपाल सिंह, बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष श्री शशि गोयल, उपाध्यक्ष श्री रणदीप झुनझुनवाला, संयुक्त सचिव अमित कुमार अग्रवाल और निवर्तमान अध्यक्ष अंजनी सुरेका ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया।
लेकिन समारोह का सबसे आत्मीय क्षण वह था, जब भोज के दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान स्वयं प्रत्येक टेबल तक गए, अतिथियों से संवाद किया और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं। उनकी इस सादगी और आत्मीयता ने हर व्यक्ति का मन मोह लिया।