Bihar Politics: बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा की इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री के नाम दो जगह है। पहला बांकीपुर और दूसरा लखीसराय विधानसभा में है। उपमुख्यमंत्री लगातार एफिडेविट में दिए होंगे। उनका यह डिटेल हलफनामे में दर्ज होगा। वह बांकीपुर का छुपाए होंगे। आज वह जिस संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं, क्या वह उससे रिजाइन देंगे।
अगर विजय सिन्हा यह कह रहे हैं कि उन्होंने सुधार करने के लिए दिया है, मगर नहीं हुआ तो इसका मतलब यह है कि विजय सिन्हा विपक्ष की श्रेणी में आते हैं, क्योंकि चुनाव आयोग उनकी भी नहीं सुन रहा है। अगर उनका नाम दो जगह हलफनामे में है, तो यह एक अपराधिक घटना है। यह पूरी करामात बीजेपी के लोग मिलकर कर रहे हैं। आप कह रहे हैं कि आपने नाम हटाने के लिए आवेदन दिए थे, लेकिन किसी कारणवश नाम नहीं हटाया गया। फिर दोनों जगह से SIR फॉर्म क्यों भरा? दोनों जगह SIR फॉर्म पर हस्ताक्षर क्यों किए? अगर पटना में नाम हटाने के लिए आवेदन दिए हैं, तो फिर SIR फॉर्म प्रमाणपत्र सहित क्यों भरा? आपका नाम पटना में ड्राफ्ट के तौर पर स्वीकार कर लिया गया है, जबकि लखीसराय में प्रमाणपत्र के लिए प्रतीक्षा चल रही है, यह कैसे हो गया?
राजेश राम ने आगे कहा कि बीजेपी इलेक्शन कमीशन को कब्जे में रखें हैं। सवाल चुनाव आयोग से पूछा जाता है और जवाब बीजेपी देती है। इसलिए विजय सिन्हा अब या जवाब दे रहे हैं कि सुधार के लिए दिया था। जो लोग बिहार के लोगों को फर्जी वोटर कहते हैं और उसपर जीतकर आए हैं, तो उन्हें यह सवाल नहीं पूछना चाहिए। सरकार में बैठे लोग मिलकर षड्यंत्र कर रहे हैं। हमने तो महाराष्ट्र का बताया था लेकिन वर्तमान में उपमुख्यमंत्री का दो जगह नाम है। यहां वोट चोरी नहीं होती तो आज केंद्र में सरकार नहीं बनती। केंद्र में बैठे लोगों की दो बैसाखी है, एक बिहार में नीतीश कुमार और दूसरे चंद्र बाबू नायडू हैं।