केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने VB-G RAM G Bill 2025 को लेकर विपक्ष, खासकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विरोध पर कड़ा और राजनीतिक रूप से अहम बयान दिया है। उन्होंने राहुल गांधी की राजनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि विरोध करना उनके स्वभाव का हिस्सा बन चुका है, लेकिन किसी भी योजना का गंभीर आकलन करना शायद उनकी प्राथमिकता में कभी रहा ही नहीं।
ललन सिंह ने मनरेगा का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौर में जिस योजना को ग्रामीण रोजगार की क्रांति बताया गया था, वही योजना समय के साथ भ्रष्टाचार का बड़ा अड्डा बन गई। उन्होंने आरोप लगाया कि 100 दिनों के रोजगार के नाम पर योजनाओं का ढांचा ऐसा बनाया गया जिसमें मजदूरों की जगह मशीनों और ठेकेदारों का बोलबाला रहा। ज़मीन पर काम करने वाले ग्रामीणों को वास्तविक लाभ कम और कागज़ों पर खर्च ज्यादा दिखाई दिया।
VB-G RAM G बिल 2025: मजदूरों के नाम पर सियासत या रोज़गार की नई गारंटी? संसद से सड़क तक गरमाई बहस
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि मौजूदा सरकार ने मनरेगा को खत्म नहीं किया, बल्कि अनुभवों से सीख लेते हुए एक नई और अधिक व्यावहारिक योजना के रूप में VB-G RAM G Bill 2025 को आगे बढ़ाया है। उनका कहना था कि यह बिल केवल रोजगार तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने, स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग और स्थायी विकास की दिशा में ठोस कदम है।
ललन सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हर नई पहल का विरोध करना आसान है, लेकिन देश की ग्रामीण जनता के लिए दीर्घकालिक समाधान देना कहीं अधिक ज़रूरी है। उन्होंने यह भी इशारा किया कि VB-G RAM G Bill 2025 को लेकर फैलाई जा रही आशंकाएं राजनीतिक लाभ के लिए हैं, जबकि ज़मीनी हकीकत यह है कि यह योजना गांवों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी।





















