नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर के लिए रवाना हुए। उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। यह यात्रा हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद की स्थिति के बीच हो रही है। राजनाथ सिंह के इस दौरे में भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों से मुलाकात करने की संभावना है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन आतंकियों को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान शाहिद कुट्टे के रूप में हुई है, जो 8 अप्रैल 2024 को श्रीनगर के डेनिश रिसॉर्ट में हुए हमले में शामिल था। उस हमले में दो जर्मन पर्यटक और एक ड्राइवर घायल हो गए थे।
इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते और ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं। जम्मू संभाग के स्कूल शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को घोषणा की कि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूल 15 मई को फिर से खुलेंगे। जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ जिलों के कई क्षेत्रों में स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला लिया गया है। जम्मू में चोकी चौरा, भालवाल, डान्सल, गांधी नगर और जम्मू जोन में स्कूल खुलेंगे, जबकि सांबा के विजयपुर, कठुआ के बरनोटी, लखनपुर, सल्लन और घगवाल जोन में भी स्कूलों को फिर से शुरू किया जाएगा। राजौरी के पीरी, कालाकोट, थानामंडी और अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ पुंछ के सुरनकोट और बफलियाज़ क्षेत्रों में भी स्कूल खोले जाएंगे।
इसके अलावा, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण एक सप्ताह तक निलंबित रही कटरा से श्री माता वैष्णो देवी मंदिर तक की हेलीकॉप्टर सेवाएं भी बुधवार को फिर से शुरू हो गईं। जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति बहाल हो रही है, और दैनिक गतिविधियां पटरी पर लौट रही हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद आतंकी ढांचे को तोड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े व्यक्तियों को निशाना बनाने के लिए की गई थी। ऑपरेशन सिंदूर के तहत कम से कम 100 आतंकियों को मार गिराने की बात भी सामने आई है।
इसके साथ ही, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सलवाद के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, और इस दिशा में लगातार कार्रवाई की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत सरकार आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने और देश को सुरक्षित बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।