[Team insider] पुलिस अधिकारी बनकर ढाबे के मालिक से रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने उद्भेदन कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि 26 फरवरी को रात के 11:00 बजे सफेद रंग के बोलेरो वाहन से सवार तीन व्यक्ति अपने आप को पुलिसकर्मी बताकर रामपुर चौक स्थित ढाबा में कर्मियों के साथ मारपीट कर ₹17000 नगद लेकर, अगले दिन ₹12000 और तैयार रखने की बात बोल कर वहां से चले गए।
तीन व्यक्ति ढाबा पर पहुंचे फिर पैसा की मांग करने लगे
दूसरे दिन सुबह 11:30 बजे बोलेरो सवार तीन व्यक्ति ढाबा पर पहुंचे फिर पैसा की मांग करने लगे इसी क्रम में ढाबा कर्मचारियों ने उक्त तीनों में से एक व्यक्ति की मोबाइल छीन लिया उसके बाद नामकुम थाने में सूचना देते हुए लिखित आवेदन दिया था। वहीं सिनियर एसपी के द्वारा ग्रामीण एसपी के निर्देशन में डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए तकनीकी सहयोग से घटना में शामिल अपराधी रघु सिंह के स्वीकृति बयान के आधार पर उक्त कांड के मुख्य आरोपी जहांगीर खान जो डीएसपी बताकर तथा फिरोज खान जो अपने आप को बड़ा बाबू बताकर रामपुर चौक स्थित गड़ा ढाबा से रंगदारी लिया था, को भी गिरफ्तार किया गया।
पुलिस अधिकारी बता कर व्यापारियों से पैसा एठंते थे
इस घटना में अपनी संलिप्तता भी इन दोनों अपराधियों ने स्वीकार कर लिया है। गिरफ्तार अपराधियों द्वारा पूर्व में भी अपने आपको पुलिस अधिकारी बता कर व्यापारियों से पैसा एठंने का काम किया जाता रहा है। वही बोलेरो को भी पूर्व में भी पिठोरिया थाना क्षेत्र में अपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। जहांगीर खान को पिठोरिया थाना द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जो कुछ ही दिन पहले जमानत में जमानत पर बाहर जेल जेल से बाहर आया था। वही प्रयुक्त बोलेरो को भी बरामद कर लिया गया है।
चोरी का स्कूटी बरामद

नामकुम थाना अंतर्गत राजाउलातू बुध बाजार से अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर लेने के आरोप में मामला दर्ज कराया गया था, जिसके बाद उद्भेदन का प्रयास किया जा रहा था। मोहन लोहरा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी, उसने फोन पर 2 मार्च को सूचना दी कि मेरी स्कूटी राजाउलातू बुध बाजार के पास मिल गया और उसके चालक को भी हमलोगों ने पकड़ कर रखा है। जिसके सूचना कि सत्यापन के बाद थाना गश्ती दल वहां पहुंची। उस स्कूटी जिसका नंबर jh01d 2599 को पाया गया, जिसे आरोपी द्वारा नंबर बदल दिया गया था।
स्कूटी के चालक को मोहन लोहरा और उसके साथ में द्वारा पकड़ा और उसका नाम पता पूछने पर अपना नाम सूरज बढ़ाईक बताया। उससे स्कूटी का कागजात मांग किया गया तो नहीं दिया गया और बताएगा कि स्कूटी मनोज नायक से लिया है। जिसके बाद 2 मार्च को स्कूटी और चालक सुरेश बढ़ाईक को थाना लाया गया। उक्त स्कूटी का चेचिस नंबर इंजन मिलान कराया गया तो इंजन नंबर भी मिलान हो गया, जिसके बाद स्कूटी का असली चोरी करने वाला व्यक्ति मनोज नायक ने नामकुम पुलिस छापेमारी के दबाव में आकर थाना में आकर खुद को सरेंडर कर दिया और उसके द्वारा स्वीकार कर लिया गया।