1932 के खतियान को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद JMM के कार्यकर्ताओं ने जमकर छोड़े पटाखे, गुलाल उड़ाये। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिलने के बाद राजधानी रांची के हृदय स्थली अल्बर्ट एक्का चौक पर झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित आदिवासी संगठनों के द्वारा जमकर खुशियां मनाई। बताते चलें कि 14 सितंबर को कैबिनेट की बैठक में लंबे समय से चली आ रही स्थानीय नीति को परिभाषित करने की मांग को आखिर विराम लगा दिया गया। 1932 झारखंड के अस्तित्व की पहचान होगी, जिनके पास 1932 का खतियान है।
14 सितंबर 22 को ऐतिहासिक बना दिया
वहीं झारखंडी होगा मंजूरी मिलने के बाद विभिन्न आदिवासी संगठनों के नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा के राज्यसभा सांसद डॉक्टर महुआ मांझी सहित सैकड़ों महिलाओं और युवकों के साथ पहुंची और जमकर आतिशबाजी किए। साथ ही एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां जाहिर की। मौके पर डॉ. महुआ मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के सवा तीन करोड़ जनता से वादा किए थे और अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को 14 सितंबर 22 को ऐतिहासिक बना दिया और मंजूरी दे दी।