[Team insider] बहु चर्चित चारा घोटाला के पांचवें और अंतिम मामले में राजद सुप्रीम और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दोषी करार दिये गये हैं, वहीं 21 फरवरी को सजा सुनायी जाएगी। यह मामला चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है। लालू प्रसाद को दोषी करार देने के साथ ही उन्हें हिरासत में ले लिया और नियम के मुताबिक उन्हें जेल ले जाया गया। इस बीच लालू प्रसाद के अधिवक्ता की ओर से उनकी बढ़ती उम्र तथा बीमारियों को ध्यान में रखते हुए अस्पताल भेजने का आग्रह किया गया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. यानि लालू प्रसाद यादव को फिलहाल रिम्स के पेइंग वार्ड में ले जाया गया है, जहां उनका इलाज भी किया जाएगा।
जेल अस्पताल में संभव नहीं है इलाज
वहीं सुनवाई के बाद लालू प्रसाद यादव को कड़ी सुरक्षा के बीच सीबीआई कोर्ट से होटवार जेल पहुंचाया गया। जिसके बाद अदालत ने जेल सुपरीटेंडेंट को नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया। इस बीच जेल अधीक्षक द्वारा तत्काल मेडिकल टीम का गठन कर लालू प्रसाद के स्वास्थ्य की जांच शुरू की गयी। स्वास्थ्य जांच को लेकर रांची के सिविल सर्जन को भी विशेष रूप से बुलाया गया, जिसमें यह तय हुआ कि लालू प्रसाद जिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है। ऐसे में उनका इलाज जेल अस्पताल में संभव नहीं है और रिम्स भेजने की सिफारिश की गयी। तत्काल ही जेल प्रशासन की ओर से सारी आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी और लालू प्रसाद को रिम्स लाकर पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया।
रिम्स पहुंचते ही परिजनों ने ली राहत की सांस
इधर, लालू प्रसाद के रिम्स आने की सूचना मिलते ही रिम्स प्रबंधन ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर दी। इससे पहले भी रांची जेल में रहने के दौरान लालू प्रसाद महीनों रिम्स में इलाजरत थे। उस वक्त उनका इलाज रिम्स के सीनियर चिकित्सक डॉ. उमेश प्रसाद के नेतृत्व में इलाज होता था, लेकिन अब उनका निधन हो गया है, इसलिए अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने रिम्स पहुंचते ही लालू प्रसाद का इलाज शुरू किया। वहीं रिम्स पहुंचते ही लालू प्रसाद के परिजनों, समर्थकों और नेताओं-कार्यकर्त्तओं ने राहत की सांस ली।
ए श्रेणी के कैदी है लालू प्रसाद
लालू प्रसाद ए श्रेणी के कैदी है और जेल मैनुअल के मुताबिक उन्हें आवश्यक सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। रिम्स पेईंग वार्ड को लालू के लिए आनन-फानन में तैयार किया गया। उन्हें यहां शिफ्ट कर दिया गया है। लालू पहले भी कमरा नंबर ए-11 में ही रहते थे। बाद में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले में रखा गया था। हालांकि, उनका मामला हाईकोर्ट में जाने पर उन्हें वापस पेईंग वार्ड में भेज दिया गया था, जहां से तबीयत खराब होने पर उन्हें इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया।
अब उसी कमरा नंबर ए-11 की एक बार फिर सफाई की गई है। वहां लगे फ्रिज, टीवी, एसी, गीजर समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की टेस्टिंग भी की गई। रिम्स पहुंचने के बाद लालू यादव को वहां शिफ्ट कर दिया गया। पिछली बार भी लालू प्रसाद के रिम्स में रहने के दौरान सप्ताह में एक तीन दिन तीन लोगों को मिलने की छूट दी जाती थी।
मेडिकल बोर्ड का किया जाएगा गठन
रिम्स के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि लालू यादव कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू रिम्स आते हैं तो उनके इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाएगा। बोर्ड में कई विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक रहेंगे।
इन बीमारियों से ग्रसित हैं लालू यादव
जानकारी के मुताबिक, लालू यादव डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, किडनी रोग, किडनी में स्टोन, तनाव, थैलेसीमिया, प्रोस्टेट का बढ़ना, यूरिक एसिड का बढ़ना, ब्रेन से सम्बंधित बीमारी, कमज़ोर इम्यूनिटी, दाहिने कंधे की हड्डी में दिक्कत, पैर की हड्डी की समस्या, आंख में दिक्कत है। उनकी किडनी लास्ट स्टेज में है।