[Team Insider] पूर्व केंद्रीय मंत्री और हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि यह समय बजट सत्र का होता है। और झारखंड में भी बहुत जल्द बजट सत्र प्रारंभ होगा हो जाएगा । इस दौरान वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा किए गए खर्च का हिसाब जनता द्वारा मांगा जाता है। जनता सरकार से जवाबदेही मांगती है। पूछना चाहती है। सरकार ने वित्तीय परिस्थितियों और आर्थिक स्थिति को कैसे संभाला है। जिससे विकास हो।
अपार साधन अयोग्य सरकार
राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में 91270 करोड रुपए बजट सदन में पेश किया गया था। वार्षिक बजट को ही सामने रखकर खर्च का हिसाब किताब देखे तो सरकार अब तक 43.2 प्रतिशत खर्च कर पाई है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के पास अपार साधन है लेकिन खर्च करने की सही नियत नहीं।
झारखंड को लगभग 900 करोड़ का राजस्व घाटा
वहीं उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है कि झारखंड को लगभग 900 करोड़ का राजस्व घाटा उठाना पड़ा है। जो यह दर्शाता है कि झारखंड सरकार का वित्तीय प्रबंधन डामाडोल है । यही नहीं झारखंड पूरे देश में कैपिटल एक्सपेंडिचर निवेश करने वाले राज्यों में सबसे कम है। जहां हमारे पड़ोसी राज्य जैसे कि छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा का 19% देश के विभिन्न राज्यों का निर्माण हो सके। बच्चों को शिक्षा दी जा सके।
कैपिटल एक्सपेंडिचर में निवेश से विकास
वहीं झारखंड सरकार इन सभी क्षेत्रों में अनदेखा कर रही हैं। जबकि कैपिटल एक्सपेंडिचर में निवेश करने से सिर्फ विकास ही नहीं होता। बल्कि आर्थिक प्रभाव 3 गुना बढ़ता है। रोजगार का सृजन होता है। किसानों के उत्पाद की मांग बढ़ती है किंतु झारखंड सरकार के वित्त मामलों में क्षमता के कारण और अक्षमता के कारण झारखंड की जनता विकास के अभाव में की जा रही हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में झारखंड को 800 करोड़ से अधिक का योगदान दिया। इसके बावजूद राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब है। झारखंड 19 बड़े राज्यों में से 13 स्थान पर है। वहीं महिला एवं बाल महिला एवं बाल विकास के लिए 75 करोड़ की राशि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई। जिसमें सिर्फ 22 करोड़ ही खर्च कर पाई है ।यहां तक कि सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हुई।