[Team insider] द स्टेट ऑफ झारखंड बनाम रौशन कुमार एवम अदर्स मामले में उच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को सुनवाई हेतु इस मामले की पहली तारीख मुक़र्रर की है। कुल 202 दुकानदारों ने संयुक्त रूप से उपायुक्त, नगर आयुक्त और जिला दंडाधिकारी के ऊपर रिट दाखिल किया है।
कई दुकानदारों ने ले रखा है लोन
य़ाचिका में इस बात का जिक्र है कि वर्षो से ठेला खोमचा गुमटी लगाकर व्यापार कर रहे दुकानदारों को गलत तरीके से हटाया जा रहा है। जबकि तकरीबन सभी दुकानदार रांची नगर निगम के रजिस्टर्ड वेंडर है। कई दुकानदारों के द्वारा नगर निगम को प्रतिमाह टैक्स का भी भुगतान किया जाता है। कई दुकानदारों ने रांची नगर निगम से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत छोटे छोटे लोन भी ले रखा है। विदित हो कि 27 जनवरी को मोरहाबादी में गोलीचालन की घटना के बाद 28 जनवरी को शाम 6:00 बजे के बाद जिला प्रशासन के द्वारा मोरहाबादी में निषेधाज्ञा लगा दी गई एवं धारा 144 लगा दिया गया था।
नगर निगम जगह देने की बात से मुकर गया
मोरहाबादी में फुटपाथ में दुकान लगाने वाले फुटपाथ दुकानदारों को तुरंत ठेला खोमचा गुमटी हटाने का आदेश दे दिया गया था, जिस कारण करीब 300 दुकानदारों के समझ रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। 24 दिनों से सभी दुकाने बंद है, दुकानदारों ने 14 दिनों तक लगातार जोरदार आंदोलन किया। इसके फलस्वरूप रांची नगर निगम ने दो बार इनका धरना खत्म कराया और इन्हें जगह भी आवंटित किया। निगम के द्वारा दुकानदारों के लिए जेसीबी लगाकर साफ सफाई भी की गई एवं मिट्टी भी गिराया गया परंतु इसके बाद नगर निगम जगह देने की बात से मुकर गया।