[Team insider] मोराबादी के फुटपाथ दुकानदारों ने अंततः हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। विदित हो कि 27 जनवरी को गैंगवार के बाद 28 जनवरी को शाम 6:00 बजे के बाद मोराबादी में धारा 144 लागू कर दिया गया जिसके बाद सभी तरह के ठेला, खोमचा, गुमटी को हटाने एवं किसी भी प्रकार के दुकान को नहीं लगने देने का आदेश उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी के कार्यालय से निर्गत हुआ है। इसके विरोध में लागातार 14 दिनों से मोराबादी के फुटपाथ दुकानदार आंदोलनरत थे। इस बीच दो बार नगर निगम के द्वारा आंदोलन समाप्त कराया गया और दो बार जमीन देने के बाद एक बार जमीन में खेल विभाग के विवाद के कारण मामला रुका और दूसरी बार जमीन निर्गत, जेसीबी चलाने, समतलीकरण, भूमि पूजन के बाद नगर निगम के द्वारा दुकानों को लगाने से रोक दिया गया।
ऑनलाइन याचिका की जाएगी दायर
मोराबादी फुटपाथ दुकानदार संघ के अध्यक्ष जनसेवक कुमार रोशन के नेतृत्व में 14 दिनों तक धरना प्रदर्शन चला। अंततः शुक्रवार को मान्या पैलेस के समक्ष धरना स्थल पर सभी फुटपाथ दुकानदारों की बैठक में हाई कोर्ट में याचिका दायर करने पर सहमति बनी। हाईकोर्ट के अधिवक्ता ऋतु कुमार के द्वारा याचिका संबंधी तैयारी की जा रही है संभवत शनिवार सुबह ऑनलाइन याचिका दायर कर दी जाएगी। जिसकी सुनवाई संभवतः सोमवार या मंगलवार को हो सकती है।
निगम के कथनी और करनी में जमीन-आसमान का फर्क
इस याचिका में उपायुक्त, नगर आयुक्त और जिला दंडाधिकारी के विरुद्ध वाद लाया जा रहा है। इसमें वादी के रूप में कुमार रोशन सहित तकरीबन 195 दुकानदार शामिल होंगे। मौके पर संघ के अध्यक्ष कुमार रोशन ने कहा की मोराबादी के फुटपाथ दुकानदारों को अब रांची नगर निगम पर विश्वास नहीं है। उनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है रांची नगर निगम लगातार वादाखिलाफी कर रही है अब हमें न्यायालय का ही सहारा है।




















