[team insider] छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सीआरपीएफ 168 वीं बटालियन और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में शनिवार को झारखंड के लाल शशि भूषण तिर्की शहीद हो गए। शशि भूषण तिर्की सीआरपीएफ की 168 वीं बटालियन में असिस्टेंट कमांडेंट पद पर तैनात थे। उनका पार्थिव शरीर रविवार को राजधानी रांची पहुंचा, जिसके बाद सभी की आंखे नम हो गयी और लोगों ने नम आंखो से श्रद्धांजलि दी। सीआरपीएफ कैंप धुर्वा में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया जहां श्रद्धांजलि श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है।
नम आंखों से पत्नी व परिजन ने दी श्रद्धांजलि
राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने सीआरपीएफ कैंप पहुंच कर शशि भूषण तिर्की को श्रद्धांजलि दी। शशि भूषण तिर्की रांची के डिबडीह नया टोला स्थित घर में परिवार के सभी सदस्य के साथ रहते हैं। लेकिन वह मूल रुप से सिमडेगा के बोलबा के रहने वाले थे। नम आंखों से पत्नी वह छोटी सी बच्ची व शहीद के परिजन ने श्रद्धांजलि दी।
उग्रवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं जवान
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद के शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर उनका ढाढ़स बंधाया। उन्होंने कहा कि शहीद के परिजनों की सहायता के लिए सरकार हमेशा खड़ी रहेगी। राज्यपाल ने कहा कि देश की खातिर हमारा एक और वीर जवान शहीद हो गया ।सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एसबी तिर्की की शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाएगी। उग्रवादी जिस तरह कायराना हरकत कर रहे हैं, उसका उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। झारखंड और छत्तीसगढ़ में उग्रवादियों का सुरक्षा बल के जवान डटकर मुकाबला कर रहे हैं ।ऐसे में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कभी-कभी जवान शहीद हो जाते हैं ।आगे ऐसी घटना नहीं हो, इसके लिए सभी ठोस कदम उठाए जाएंगे । राजपाल ने कहा कि शहीदों के परिजनों की सहायता के लिए कमेटी गठन पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। उन्होंने भगवान से दिवंगत आत्मा को शांति और अपने चरणों में जगह देने की कामना की।
घटना से मर्माहत जरूर हैं, लेकिन मनोबल में कमी नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के एक और वीर सपूत ने देश की रक्षा के लिए अपने को बलिदान कर दिया।उनकी शहादत पर हम सभी को गर्व है। उन्होंने कहा कि उग्रवादियों के इस तरह की कायराना हरकत से हम मर्माहत जरूर हुए हैं। हमने एक बार फिर अपने परिवार के एक सदस्य को खोया है, लेकिन इससे जवानों के मनोबल में कोई कमी नहीं आएगी। हमारे जवान और मजबूती तथा शक्ति के साथ ऐसे तत्वों को मुंहतोड़ जवाब देंगे। उग्रवादियों के नापाक इरादे को नेस्तनाबूद करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पूरी संवेदना शहीद के परिजनों के साथ है। उनकी मदद के लिए सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति और शोकाकुल परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना ईश्वर की।
गश्ती दल पर माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी
घटना के संबंध में बस्तर के आइजी सुंदरराज पी ने बताया कि जिले के बसागुड़ा पुलिस थाना अंतर्गत पुटकेल गांव में डोंगल चिंता नामक नदी के पास सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन का गश्ती दल सड़क सुरक्षा ड्यूटी पर था। इसी दौरान माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में जवानों ने भी फायरिंग की। इसी क्रम में सहायक कमांडेंट एसबी तिर्की शहीद हो गये, जबकि अप्पा राव नामक जवान घायल हो गया।
खबर सुन पत्नी की आंखों से आंसू बहने लगे
एसबी तिर्की की पत्नी पुष्पा तिर्की के मोबाइल पर विभाग से एसएमएस आया, जिसमें घटना की संक्षिप्त जानकारी थी। उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी परिजनों को दी। बाद में सीआरपीएफ के स्थानीय अधिकारी भी रांची स्थित उनके घर पहुंचे और परिजनों को मुठभेड़ में शशिभूषण तिर्की के शहीद होने की जानकारी दी। पति के शहीद होने की खबर सुन पत्नी की आंखों से आंसू बहने लगे। 11 वर्षीय पुत्र अनिकेत तिर्की और सवा दो साल की बेटी अनिशा तिर्की को पिता के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गयी। पुत्र अनिकेत संत जेवियर स्कूल के पांचवीं कक्षा का छात्र है।