बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज़ होती जा रही है। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कभी जेडीयू के रणनीतिक चेहरे रहे आरसीपी सिंह प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जन सुराज पार्टी में शामिल हो गए। एक समय नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह जेडीयू से अलग हो चुके थे और अपनी राजनीतिक जमीन बनाने के लिए ‘आसा’ पार्टी की स्थापना की थी। अब प्रशांत किशोर के साथ मिलकर उन्होंने बिहार में एक वैकल्पिक राजनीतिक ताकत खड़ी करने का दावा किया है।
जेडीयू का तीखा पलटवार
जन सुराज में आरसीपी सिंह के शामिल होने पर जेडीयू की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार ने पटना में मीडिया से बात करते हुए आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर दोनों पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने दोनों को ‘राजनीति के विषैले कीटाणु’ और ‘छूटे हुए कारतूस’ बताया।
नीतीश कुमार के करीबी JDU के पूर्व अध्यक्ष ने थामा जन सुराज का दामन.. प्रशांत किशोर ने दिलाई सदस्यता
नीरज कुमार ने कहा कि जिसे नीतीश कुमार ने प्राइवेट सेक्रेटरी से लेकर राज्यसभा भेजा, वो आज उसी थाली में छेद कर रहा है। यह एक नापाक गठबंधन है। एक तरफ साइलेंट करप्शन के आरोपी आरसीपी सिंह हैं और दूसरी तरफ तेलंगाना की कंपनियों से आर्थिक लेन-देन में संलिप्त प्रशांत किशोर हैं। नीरज कुमार ने आरसीपी सिंह को खुली चुनावी चुनौती देते हुए कहा कि 2025 का विधानसभा चुनाव सामने है, आप नालंदा या अपने पैतृक गांव की किसी भी सीट से चुनाव लड़ जाइए। अगर आपके वोट किसी मुखिया के उम्मीदवार से भी कम नहीं आए तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
जन सुराज का दावा
वहीं जन सुराज में शामिल होते ही आरसीपी सिंह ने भी तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2047 के विकसित भारत की बात करते हैं तो उसमें बिहार की कोई चर्चा नहीं होती। उन्होंने खुद को बिहार के लिए समर्पित बताते हुए कहा कि पहली बार अपने लिए घर बना रहे हैं, और वह घर बिहार है। प्रशांत किशोर ने भी इस मौके पर आरसीपी सिंह को एक अनुभवी नेता बताते हुए जन सुराज के विज़न में उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया।