विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में एक अहम मोड़ आया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह ने रविवार को जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। उन्हें पार्टी की सदस्यता जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दिलाई। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को नई दिशा देने के लिए हमें ऐसे लोगों की जरूरत है, जिनके पास प्रशासनिक अनुभव भी हो और बदलाव की इच्छा भी। आरसीपी सिंह का हमारे साथ आना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।”

पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में आरसीपी सिंह की पार्टी में आधिकारिक एंट्री हुई, जिसे बिहार की राजनीति में एक नई सियासी गठजोड़ के रूप में देखा जा रहा है। प्रशांत किशोर ने आरसीपी सिंह का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि वह बदलाव की नई सोच के साथ जन सुराज से जुड़े हैं। उन्होंने आरसीपी को एक अनुभवी और रणनीतिक नेता बताया, जो बिहार में एक मजबूत और सार्थक विकल्प देने में सक्षम हैं।
वहीं जनसभा को संबोधित करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने अब तक एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए काम किया है, लेकिन अब पहली बार वे अपने लिए घर बना रहे हैं और वह घर है बिहार। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2047 में विकसित भारत की बात करते हैं, लेकिन उसमें बिहार की कोई चर्चा नहीं होती। क्या बिहार विकसित भारत का हिस्सा नहीं है? आरसीपी सिंह ने यह भी कहा कि राज्य की बदहाली और राजनीतिक अस्थिरता को खत्म करने के लिए अब समय आ गया है कि बिहार को केंद्र में रखते हुए एक नया राजनीतिक विमर्श खड़ा किया जाए।