IRCTC Tender Scam Case: लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए आज का दिन बेहद निर्णायक साबित हो सकता है। बहुचर्चित IRCTC टेंडर घोटाले से जुड़े मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है। मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई अन्य लोग आरोपी हैं।
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यह मामला उस वक्त का है जब लालू प्रसाद यादव 2005-06 में देश के रेल मंत्री थे। उस समय रेलवे ने रांची और पुरी स्थित बीएनआर होटलों को भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) को ट्रांसफर किया था। योजना के तहत इन होटलों को लीज पर देकर उनके संचालन और रख-रखाव में सुधार लाना था।
CBI का आरोप क्या है?
CBI के मुताबिक, इन होटलों को लीज पर देने की प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं बरती गईं। यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया, और उस समय IRCTC के एमडी पी.के. गोयल ने यह प्रक्रिया पूरी की थी। जुलाई 2017 में CBI ने इस मामले में लालू यादव समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी और देशभर में 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
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CBI का दावा है कि टेंडर के बदले लालू यादव को पटना में तीन एकड़ जमीन दी गई। यह जमीन पहले सरला गुप्ता की कंपनी के नाम पर थी, जिसे बाद में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की कंपनी ने अपने अधीन कर लिया। उसी जमीन पर बाद में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाने की योजना थी।
फैसले पर टिकी हैं सबकी निगाहें
तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को 2019 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। अगर कोर्ट में CBI अपने आरोप साबित कर देती है, तो दोषियों को भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है।