कोलकाता से पटना पहुंचे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को राज्य सरकार और पार्टी के अंदर जारी विवादों को लेकर खुलकर प्रतिक्रिया दी। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला, वहीं पार्टी के आंतरिक विवाद पर संयमित प्रतिक्रिया दी।
जब पत्रकारों ने उनसे उनके भाई तेज प्रताप यादव के ट्वीट जिसमें उन्होंने पार्टी में कुछ नेताओं को “जयचंद” कहा था, के बारे में सवाल किया, तो तेजस्वी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जो निर्णय लिया है, वह पार्टी और बिहार की भलाई के लिए है। उनके निर्णय के आगे मैं कुछ नहीं बोलूंगा। मैं किसी के निजी जीवन पर टिप्पणी नहीं करता।
वहीं बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। यह डबल इंजन की सरकार पूरी तरह फ्लॉप हो चुकी है। जनता त्रस्त है, और मुख्यमंत्री को कोई अफसोस नहीं होता। सब चुनाव की तैयारी में लगे हैं। बिहार की कानून व्यवस्था से मतलब नहीं है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में प्रशासनिक अराजकता फैली हुई है और अपराधियों का बोलबाला है। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब बिहार में गोलियां न चलती हों। सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास के सामने भी गोलीबारी हो रही है। मुख्यमंत्री समेत सभी नेता सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रमों और चुनावी तैयारियों में व्यस्त हैं। जनता की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है।
तेजस्वी ने एक दलित बच्ची की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर भी किसी के पास दो शब्द कहने की फुर्सत नहीं है। मोदी जी आये, रोड शो किये, लेकिन शहीद के परिवार के घर नहीं गये। कई लोग हम पर गाली गलौज करेंगे लेकिन याद रखिए, ये खटारा सरकार अब जाने वाली है। हम नई सोच के साथ जनता के बीच जाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष अक्सर 15 वर्षों के उनके शासन को लेकर सवाल उठाता है, तो तेजस्वी ने पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग 15 साल का हिसाब मांगते हैं, पहले वह अपना हिसाब दें कि उन्होंने अपने शासन में क्या किया। हमारा काम जनता के सामने है और हम जवाब देने को तैयार हैं।