बिहार सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के लिए एक बड़ी पहल की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को 2025-26 का बजट पेश करते हुए बताया कि देशभर के प्रमुख शहरों में प्रवासी परामर्श सह निबंधन केंद्र (Migration Counselling cum Registration Centres) स्थापित किए जाएंगे।
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इन केंद्रों की स्थापना हैदराबाद, बेंगलुरू, मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, गुवाहाटी, सूरत, लुधियाना, कोयंबटूर और चेन्नई में की जाएगी। इससे बिहार के लाखों प्रवासी श्रमिकों को न केवल सहायता मिलेगी, बल्कि उनके हितों की रक्षा भी सुनिश्चित होगी।
बिहार और पूर्वी भारत के लाखों लोग रोजगार की तलाश में हर साल देश के विभिन्न हिस्सों में पलायन करते हैं। इन केंद्रों की स्थापना से उन्हें कई तरह की सुविधाएँ मिलेंगी।
- रोजगार व कानूनी सहायता: श्रमिकों को उनके अधिकारों की जानकारी और कानूनी सहायता मिलेगी।
- सुरक्षा एवं संरक्षण: किसी भी आपात स्थिति में प्रवासी श्रमिक सीधे सरकार से संपर्क कर सकेंगे।
- निबंधन से लाभ: प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण होने से सरकार उनके लिए नीतियाँ बनाने में सक्षम होगी।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: केंद्र के माध्यम से श्रमिकों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि “बिहार के प्रवासी श्रमिक देश के अलग-अलग हिस्सों में कड़ी मेहनत कर राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। हमारी सरकार उनकी सुरक्षा और हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। ये परामर्श एवं निबंधन केंद्र उनकी समस्याओं का समाधान करने में अहम भूमिका निभाएंगे।”