सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता Shahnawaz Hussain के खिलाफ बला’त्कार के मामले में आगे की सभी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के Delhi High Court के आदेश पर भी रोक लगा दी है। अदालत ने आदेश में यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि उसके साथ मारपीट की गई थी और पुलिस को निर्देश दिया कि अगर वह सुरक्षा के लिए पुलिस से संपर्क करती है तो, वह उसे सुरक्षा प्रदान करे।
तीन जजों की पीठ ने की सुनवाई
न्यायमूर्ति UU Lalit, न्यायमूर्ति S. Ravindra Bhatt और न्यायमूर्ति Sudhanshu Dhulia की खंडपीठ ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा को सुनने के बाद प्रथम दृष्टया इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने कहा कि उसकी जान को खतरा है। भाजपा नेता ने गुरुवार को Supreme Court के समक्ष अपनी याचिका का उल्लेख किया था, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें उनके खिलाफ बला’त्कार के आरोप के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। हुसैन ने अपनी अपील में तर्क दिया है कि शिकायतकर्ता ने पहले शाहबाज हुसैन के साथ विवादों में उसे फंसाने की कोशिश की थी।
2018 का है मामला
शाहनवाज हुसैन पर इस मामले में 2018 में आरोप लगे। जनवरी 2018 में दिल्ली में रहने वाली महिला ने एक याचिका दायर की। महिला का आरोप है कि दिल्ली के छतरपुर फॉर्म हाउस पर उसके साथ रे’प किया गया। महिला की याचिका पर 12 जुलाई 2018 को मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट ने एफआईआर का निर्देश दिया। शाहनवाज इस मामले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन भी दायर कर चुके थे, लेकिन राहत नहीं मिली। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी शाहनवाज को राहत देने से इनकार कर दिया था। अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।