बिहार में जातीय गणना रिपोर्ट में जब से यह आंकड़ा सामने आया है की 36 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ी जाति (ईबीसी) आबादी है तब से यह राजनीति का मुद्दा बन गया है। कई नेता इस पर मुखरता से अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं। अब विधान पार्षद प्रो. रामबली सिंह चंद्रवंशी अपनी ही सरकार पर बिगड़ गए है। नई मांग करके नीतीश सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। मिलर हाई स्कूल, पटना में समाप्त हुए अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ महासम्मेलन में प्रो. रामबली सिंह चंद्रवंशी ने वर्ष 2015 में तेली, तमोली और दांगी को मूल अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने पर राज्य सरकार को खूब सुनाया और चेतावनी दी कि यदि मूल अति पिछड़ा वर्ग से इन तीन जातियों को अलग नहीं किया गया तो आगे और गंभीर संघर्ष होगा।
अतिपिछड़ों का आरक्षण 20 से बढ़ाकर 33 फीसदी हो
प्रो. चंद्रवंशी ने अति पिछड़ा पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए एससी-एसटी की तर्ज पर अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण कानून बनाने, पंचायत और निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण को 20 से बढ़ाकर 33 फीसदी करने, रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने तथा जननायक कर्पूरी ठाकुर, अब्दुल क्यूम अंसारी एवं पर्वत पुरुष दशरथ मांझी को भारतरत्न से सम्मानित करने की मांग की। प्रोफेसर रामबली सिंह चंद्रवंशी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आजकल कथनी और करनी में फर्क आ गया है। लोगों को गांधी और कर्पूरी के मार्ग पर चलना चाहिए। मेरे दल की स्थापना जननायक कर्पूरी ठाकुर लोहिया के मार्गों पर चलने को लेकर हुई थी, पर 2015 में तीन जाती तेली, तमोली और दांगी को अति पिछड़ा में शामिल कर हकमारी हुई है।
मांगे पूरी नहीं हुई तो होगा बड़ा आंदोलन
अजय कानू ने कहा कि बिहार सरकार से तीन और केंद्र से दो मांगे हैं। बिहार में पहली बार अति पिछड़ों की इतनी बड़ी रैली आयोजित हुई है। उन्होंने कहा कि मांगे पूरी नहीं होती है तो बड़ा आंदोलन होगा। 2015 में तेली, तमोली और दांगी को शामिल किया गया था। सरकार ने हमें ठगा है। अब हम सेनापति चंद्रवंशी के साथ आगे बढ़ेंगे। प्रो. शिवजतन ठाकुर ने कहा कि आंकड़े के अनुसार 36% आबादी अति पिछड़ा की है तो उसे 36% आरक्षण मिले। पिछड़ा और अति पिछड़ा को मिलाकर 63% आरक्षण की उन्होंने मांग की। हुमायूं अंसारी ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम के अति पिछड़ा के लोग एक रहे तो हमें कोई नहीं हरा सकता है। हमारी आबादी 50% है।
दो अक्टूबर को कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि से शुरू हुई थी पदयात्रा
गौरतलब है कि पांच सूत्री मांगों को लेकर अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में दो अक्टूबर से समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम से जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि से पदयात्रा शुरू हुई थी। इसका नेतृत्व मोर्चा के संयोजक और एमएलसी प्रो रामबली सिंह चंद्रवंशी कर रहे थे। यह यात्रा शनिवार को पटना के मिलर हाई स्कूल के मैदान में समाप्त हुआ। समाप्ति के अवसर पर महासम्मेलन आयोजित था। जिसमें राज्य भर से हजारों लोग बस और दूसरी गाड़ियों से आए थे।