बिहार सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने राज्य के सभी अपर समाहर्ताओं (एडीएम) को इस महीने विभाग को भ्रष्टाचार से 10 फीसदी मुक्ति दिलाने का अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है। रविवार को पटना के शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित अपर समाहर्ताओं की मासिक बैठक में उन्होंने कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
11073 फीफो (दाखिल खारिज के आवेदन की फर्स्ट इन फर्स्ट आउट व्यवस्था) उल्लंघन का उदाहरण देते हुए डॉ जायसवाल ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिना अपर समाहर्ता की अनुमति के फीफो का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। यदि अंचल अधिकारी ऐसा करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
मंत्री ने यह भी कहा कि अपर समाहर्ताओं के आदेश नीचे के राजस्व कार्यालयों में महीनों तक लंबित रहते हैं और अंचल अधिकारी एवं भूमि सुधार उपसमाहर्ता उनका पालन नहीं करते। इसके समाधान के लिए उन्होंने नीचे के कार्यालयों की नियमित और सघन जांच करने का निर्देश दिया ताकि अधिकारियों में जवाबदेही बढ़े और भ्रष्टाचार कम हो।
डॉ जायसवाल ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर लोगों ने अंचल स्तर के कर्मियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें की हैं। राजस्व कर्मचारी और उनके सहयोगी मुंशी एवं दलाल भू माफियाओं के साथ मिलकर स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं, जिससे निर्धन लोगों के कार्य बिना रिश्वत के नहीं हो पा रहे हैं।
बैठक में मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने अतिक्रमण, अभियान बसेरा, सैरात बंदोबस्ती, सरकारी जमीन की सुरक्षा, म्युटेशन समेत राजस्व के विभिन्न मामलों की समीक्षा की। खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों को सुधार लाने की नसीहत दी। अतिक्रमण हटाने के प्रशंसनीय कार्य के लिए बांका जिले की तारीफ की, जबकि मधुबनी जिले को अपने कामकाज में सुधार लाने का निर्देश दिया।




















