बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ती जा रही है। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और टिकट वितरण को लेकर अंदरूनी खींचतान अब सतह पर दिखने लगी है। गुरुवार की रात इसी खींचतान की झलक तब देखने को मिली जब आरजेडी के बाहुबली नेता अशोक महतो राबड़ी आवास पहुंचे लेकिन उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। तेजस्वी यादव से मिलने पहुंचे अशोक महतो को गार्ड ने गेट पर ही रोक दिया और देर तक इंतज़ार करने के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक, अशोक महतो टिकट की दावेदारी को लेकर तेजस्वी यादव से मुलाकात करने आए थे। विधानसभा चुनाव में वे अपनी सक्रिय भूमिका और सीट की मांग को लेकर पार्टी नेतृत्व से चर्चा करना चाहते थे। लेकिन उन्हें मुलाकात का मौका नहीं मिला, जिससे यह संकेत मिलने लगा है कि आरजेडी के भीतर टिकट वितरण को लेकर असंतोष और असमंजस की स्थिति है।
अशोक महतो की यह कोशिश इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी पत्नी अनीता देवी आरजेडी की प्रत्याशी रह चुकी हैं। उन्हें लालू प्रसाद यादव ने खुद मुंगेर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था और पार्टी का सिंबल भी सौंपा था। हालांकि, अनीता देवी चुनाव जीत नहीं पाईं और आरजेडी को उस सीट पर हार का सामना करना पड़ा।
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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अशोक महतो का राबड़ी आवास जाकर टिकट की दावेदारी करना और फिर वहां से खाली हाथ लौट आना यह दर्शाता है कि आरजेडी के अंदर टिकट को लेकर एक सीमित गुटबाज़ी काम कर रही है। पार्टी अपने रणनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर पुराने और विवादित चेहरों को तरजीह देने से बचना चाहती है।
अशोक महतो का राजनीतिक सफर हमेशा से विवादों में रहा है। वे पहले जेडीयू से जुड़े रहे, फिर धीरे-धीरे आरजेडी के करीब आए। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने दिल्ली की रहने वाली अनीता देवी से खरमास के दौरान विवाह किया था और कुछ ही दिनों बाद लालू यादव से आशीर्वाद लेने भी पहुंचे थे। इस शादी के बाद उन्हें पार्टी ने एक मौके के रूप में टिकट दिया, लेकिन परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा।
इस बार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी का माहौल कुछ अलग है। तेजस्वी यादव साफ संकेत दे चुके हैं कि टिकट उन्हीं को मिलेगा जो संगठन और जनसंपर्क में सक्रिय हैं। अशोक महतो का गेट से लौटना पार्टी में इस नए समीकरण का संकेत माना जा रहा है — जहां वफादारी से ज्यादा “इमेज और प्रभाव” मायने रखता है।






















