Seema Kushwaha: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को झकझोर दिया है। इस चुनाव में जहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को करारी हार मिली, वहीं इस हार ने पार्टी के भीतर छुपे असंतोष और उपेक्षित भावनाओं को भी सतह पर ला दिया है। इन्हीं आवाजों में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं सीमा कुशवाहा, जो इस पूरे चुनाव काल में लगातार सुर्खियों में रहीं। सीमा कुशवाहा आरजेडी की सक्रिय और चर्चित चेहरा मानी जाती हैं, लेकिन टिकट मिलने की उम्मीदों के बावजूद उन्हें मौका नहीं मिला। यह घटना उनके लिए सिर्फ राजनीतिक निराशा नहीं बल्कि व्यक्तिगत टूटन की कहानी बन गई।
चुनाव परिणाम आने के बाद सीमा कुशवाहा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लगातार भावनात्मक पोस्ट शेयर किए, जिनमें उनका दर्द साफ झलकता है। सिर्फ 24 घंटे में तीन से चार पोस्ट के जरिए उन्होंने चुनावी हार से जुड़े अपने मन के घाव खुले तौर पर दुनिया के सामने रखे। उनके एक पोस्ट में लिखा था कि “जो भी बद्दुआ दे रहा है दे दो, अब मैं बर्बाद हो चुकी हूं।”
एक अन्य पोस्ट में सीमा कुशवाहा ने लिखा कि “हार मत मान। अभी तो खेल बाकी है। जो आज गिरा है कल उठता भी है। परेशानियां बेची नहीं जातीं और सुकून खरीदा नहीं जाता।” इसके अलावा उन्होंने जिंदगी को जंग और संघर्ष की तरह बताते हुए लिखा कि “सैंडल पहनकर चला जा सकता है, लेकिन दौड़ने के लिए जूता पहनना पड़ता है।”






















