बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राज्य की सियासत का तापमान भी बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर एनडीए अपने प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रहा है, वहीं महागठबंधन के भीतर बगावत की आग अब खुलकर सामने आने लगी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रविवार को एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए 27 नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। इन नेताओं पर आरोप है कि वे पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार में शामिल थे या निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

यह फैसला पार्टी के अनुशासन समिति की सिफारिश पर लिया गया है। राजद ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इन सभी नेताओं का व्यवहार पार्टी विरोधी है और संगठन की साख को नुकसान पहुंचाने वाला है। यही वजह है कि इन पर सख्त कार्रवाई की गई है।

सबसे बड़ा नाम इस निष्कासन सूची में आया है परसा से मौजूदा विधायक छोटे लाल राय का। छोटे लाल राय राजद के पुराने और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। उनके अलावा कटिहार के पूर्व विधायक राम प्रकाश महतो, मुजफ्फरपुर के पूर्व विधायक अनिल सहनी, बड़हरा के सरोज यादव, मुजफ्फरपुर के पूर्व विधान पार्षद गणेश भारती और परिहार की पूर्व मुखिया रितू जायसवाल को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कई नेताओं ने टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय या विरोधी दलों के उम्मीदवारों को समर्थन देना शुरू कर दिया था, जिससे राजद नेतृत्व नाराज था। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।
पार्टी की लिस्ट में गोविंदपुर के विधायक मो. कामरान, नरपतगंज के पूर्व विधायक अनिल यादव, भागलपुर से अवनीश कुमार, चेरिया बरियारपुर के राम रखा महतो, शेरघाटी के भगत यादव, वैशाली के संजय राय, संदेश के मुकेश यादव, दरभंगा के कुमार गौरव और राजीव कुशवाहा जैसे कई नाम शामिल हैं। राजद की ओर से जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि इन सभी नेताओं की प्राथमिक सदस्यता रद्द की जाती है और भविष्य में किसी भी संगठनात्मक जिम्मेदारी या चुनावी भूमिका में इन्हें शामिल नहीं किया जाएगा।






















