बिहार बजट सत्र के दौरान बुधवार को बिहार विधानसभा में शराबबंदी का मुद्दा उठा। शराबबंदी की असफलता को लेकर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहस छिड़ गई। आरजेडी विधायक कुमार सरबजीत (RJD MLA Kumar Sarabjit) ने शराबबंदी की असफलता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी सफल नहीं है और अगर सरकार से ये नहीं हो पा रहा तो फिर इसे खत्म कर देना चाहिए।
मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा को चुनौती
इस दौरान आरजेडी विधायक कुमार सरबजीत ने मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सादा को खुली चुनौती दे दी और कहा, “आप मेरे साथ बाइक पर बैठ के मेरे गांव चलें। वहां शाम को एक घर के नीचे आपको 1000 मोटरसाइकिल मिलेगी, जिस पर शराब लेकर लोग जाते हैं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं सदन आना छोड़ दूंगा।”
उन्होंने ये भी कहा कि हमने समर्थन दिया था शराबबंदी का ताकि महिलाओं को आराम मिले। उनके पति शराब पीकर घर जाते थे, लेकिन आज क्या हाल है सब जानते हैं। गरीब ही लोगों को फंसाया जाता है। हम अनुरोध करते हैं कि आपकी पुलिस अगर सक्षम नहीं है तो शराबबंदी कानून समाप्त करें। उन्होंने कहा कि गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी लाएं, हम अब इस पाप के भोगी नहीं बन सकते।

कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने क्या कहा?
वहीं सदन के अंदर कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने भी शराबबंदी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा सदन के अंदर अगर किसी को शराब चाहिए तो 1200 के बदले 2400 दे और होम डिलीवरी करा लें। उन्होंने कहा कि 2016 में महिलाओं की मांग पर शराबबंदी हुई थी, लेकिन आज क्या हाल है सब जानते हैं। कांग्रेस विधायक ने कहा कि इससे अच्छा है कि सरकार उन लोगों को जेल से छुड़वाए जो शराब पीकर अंदर गए हैं और उनको बेल नहीं मिल रही है। वहीं पूरे हंगामे के बीच सदन में मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सादा भी मौजूद रहे।