नयी दिल्ली: व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा, जो कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति हैं, गुरुग्राम भूमि सौदा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के सिलसिले में लगातार तीसरे दिन गुरुवार को दिल्ली में ED कार्यालय पहुंचे। यह मामला 2007-08 में वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन को 7.5 करोड़ रुपये में खरीदने और बाद में इसे रियल एस्टेट कंपनी DLF को बेचने से जुड़ा है। रॉबर्ट वाड्रा को अपनी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अपने आवास से ED कार्यालय के लिए रवाना होते देखा गया।
इस मामले में ED की जांच तब शुरू हुई जब 2012 में हरियाणा के IAS अधिकारी अशोक खेमका ने जमीन के म्यूटेशन को रद्द कर दिया था, जिसमें उन्होंने अनियमितताओं का आरोप लगाया था। हालांकि, खेमका के इस आदेश को गुरुग्राम राजस्व प्रशासन ने कभी लागू नहीं किया। इस मामले में लंबे समय से विवाद चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जबकि वाड्रा, प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है।
वाड्रा ने पहले कहा था कि यह जांच उनके और उनके बहनोई राहुल गांधी को निशाना बनाने की साजिश है। वहीं, 2023 में हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कहा था कि इस सौदे में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। इसके बावजूद, ED की लगातार समन और पूछताछ से इस मामले में तनाव बना हुआ है। वाड्रा ने जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही है और दावा किया है कि उनकी कंपनी ने हमेशा वैध तरीकों से कारोबार किया है और सभी करों का भुगतान किया है।
यह मामला न केवल हरियाणा की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है, क्योंकि यह कांग्रेस और BJP के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक टकराव का एक हिस्सा बन गया है। ED की ओर से अभी तक इस मामले में कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला गया है, और जांच आगे भी जारी रहने की संभावना है।