बिहार की राजनीति में राष्ट्रगान के अपमान का मुद्दा तूफान बन चुका है। शुक्रवार को बिहार विधानसभा के अंदर और बाहर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोलते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर दी।
सदन से सड़क तक विरोध, तेजस्वी-राबड़ी ने किया नेतृत्व
बिहार विधानसभा के पोर्टिको में राजद विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और हाथ में बैनर लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी खुद विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। सदन के अंदर भी विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया, जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा।
तेजस्वी यादव का हमला – ‘कल बिहार के लिए काल दिवस था’
विरोध प्रदर्शन के दौरान तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और भाजपा दोनों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “कल बिहार के लिए काल दिवस था। पीएम मोदी के लाडले मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगान का अपमान किया है। प्रधानमंत्री बताएं कि वो इस पर क्या कहेंगे? ‘भारत माता की जय’ बोलने वाले भाजपा के दोनों डिप्टी सीएम कहां हैं?”
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि देश के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगान का अपमान किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर एक ट्वीट तक नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि “राष्ट्रगान के अपमान पर तीन साल की सजा का प्रावधान है। नीतीश कुमार को रिटायरमेंट ले लेना चाहिए।”
नीतीश सरकार की सफाई, भाजपा ने किया किनारा
हालांकि, सत्ता पक्ष ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज किया और इसे विपक्ष की साजिश करार दिया। जदयू नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार राष्ट्रगान का सम्मान करते हैं और विपक्ष बिना किसी आधार के झूठ फैला रहा है।
वहीं, भाजपा इस पूरे विवाद से दूरी बनाती नजर आई। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है, जिससे विपक्ष को और हमलावर होने का मौका मिल गया।
बिहार में यह मुद्दा अब सिर्फ सदन तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया है। विपक्ष इसे लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन की योजना बना रहा है, वहीं नीतीश कुमार पर इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने का दबाव बढ़ता जा रहा है।