नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि यूक्रेन, जिसमें सुमी क्षेत्र भी शामिल है, ऐतिहासिक रूप से रूस का हिस्सा है और उन्होंने सुमी शहर पर कब्जे की चेतावनी दी है। पुतिन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी सेना सुमी से महज 18 मील की दूरी पर पहुंच गई है, जो कि 2022 के यूक्रेनी जवाबी हमले के बाद से अब तक कब्जे से बचा हुआ था।
पुतिन ने दोनों देशों के लोगों को “एक” बताते हुए अपने दावे को सही ठहराने की कोशिश की, जो उनके 2021 के उस भाषण की याद दिलाता है जिसमें उन्होंने यूक्रेन की अलग राज्यता को नकारा था। हालांकि, एक 2022 के लॉर्ड एशक्रॉफ्ट पोल में पाया गया कि 98% यूक्रेनी नागरिक इस दावे को खारिज करते हैं, जो सांस्कृतिक और राजनीतिक विभाजन को दर्शाता है।
दूसरी ओर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने पुतिन पर जंग खत्म करने की कोई इच्छा न दिखाने का आरोप लगाया है। जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय में आया है जब 21 जून 2025 को दोनों पक्षों के बीच कैदियों की अदला-बदली हुई, जो इस 1,212 दिन पुराने युद्ध के बीच दुर्लभ कूटनीतिक कदम था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी हाल ही में पुतिन पर “आग से खेलने” का आरोप लगाया था, जो मॉस्को की ओर से लगातार हमलों के बीच सामने आया।हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सुमी पर कब्जे की चेतावनी रूस की ओर से रणनीतिक दबाव बढ़ाने की कोशिश हो सकती है।
गार्जियन की रिपोर्ट्स के अनुसार, रूसी सेना ने पिछले कुछ महीनों में सुमी क्षेत्र में गाइडेड बम और अन्य हमलों से नुकसान पहुंचाया है, जिसका उद्देश्य एक कथित “बफर जोन” बनाना हो सकता है। इस बीच, यूक्रेन ने अपनी रक्षा के लिए 1 जून को “ऑपरेशन स्पाइडर वेब” के तहत रूस के भीतर 100 से अधिक ड्रोन हमले किए, जो इस संघर्ष की तीव्रता को दर्शाता है।
शांति वार्ता की संभावनाएं अभी भी धुंधली नजर आती हैं, क्योंकि मार्च 2024 में अमेरिकी स्टेट ऑफ द यूनियन में पुतिन की तुलना हिटलर से की गई थी, जो दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी को उजागर करता है। इस घटनाक्रम पर दुनिया की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह युद्ध न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी अहम साबित हो सकता है।