नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों मंत्रियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बारे में राष्ट्रपति को विस्तृत जानकारी दी। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा हुई। इस हमले के जवाब में भारत ने सख्त कदम उठाते हुए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तीन दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, भारत ने पाकिस्तान के आधिकारिक एक्स अकाउंट को भारत में रोक दिया है। दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन के बाहर भी इस हमले के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि हमले के दोषियों को “धरती के किसी भी कोने से ढूंढकर सजा दी जाएगी”। उन्होंने आतंकवादियों और उनके समर्थकों को चेतावनी दी कि भारत इस घटना का करारा जवाब देगा। इस बीच, विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, जापान, रूस, चीन सहित कई देशों के शीर्ष राजनयिकों को पहलगाम हमले की जानकारी दी है।
राष्ट्रपति से शाह और एस जयशंकर की यह मुलाकात भारत की सुरक्षा और विदेश नीति पर केंद्रित रणनीतिक चर्चा को दर्शाती है।
पहलगाम होटल्स एंड ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जावेद बुरजा ने इस हमले की निंदा करते हुए गहरा दुख व्यक्त किया है। सरकार ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कई हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिनमें श्रीनगर इमरजेंसी कंट्रोल रूम (0194-2457543) और अनंतनाग पुलिस कंट्रोल रूम (9596777669) शामिल हैं।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार बांग्लादेश की यात्रा पर जाने वाले हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी “नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी” के तहत सख्त कार्रवाई जारी रखेगा। इस मुलाकात को भारत की ओर से एकजुटता और दृढ़ संकल्प के संदेश के रूप में देखा जा रहा है।