Saharsa Protest: बिहार की राजनीति इन दिनों लगातार विरोध प्रदर्शनों और जनाक्रोश से घिरी दिखाई दे रही है। ताजा मामला सहरसा का है, जहां ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार को सफाई कर्मियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे मंत्री का सफाईकर्मियों ने जमकर विरोध किया और उनका घेराव कर दिया। हालात इस कदर बिगड़े कि अफरा-तफरी के बीच मंत्री को सुरक्षा घेरे में कार्यक्रम स्थल से बाहर ले जाया गया।

सूत्रों के मुताबिक, सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र के हाई स्कूल मैदान में एनडीए का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित था। जैसे ही मंत्री श्रवण कुमार यहां पहुंचे, पहले से मौजूद ग्राम पंचायत के सफाई कर्मियों ने उन्हें घेर लिया और वेतन तथा प्रमोशन की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। इतना ही नहीं, कई सफाई कर्मी मंच पर चढ़ गए और मंत्री को सभा स्थल से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। सुरक्षा बलों ने हालात को संभालने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों का आक्रोश थमता नजर नहीं आया।
स्थिति तब और गंभीर हो गई जब मंत्री की गाड़ी को भी प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। एक सफाई कर्मी तो मंत्री की गाड़ी के आगे ही लेट गया, जिसे बड़ी मशक्कत से हटाया गया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह मंत्री को कार्यक्रम स्थल से सुरक्षित बाहर निकाला। कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारी पूरे समय मंत्री के पीछे-पीछे चलते रहे और अंततः उन्हें खदेड़ कर सम्मेलन से बाहर कर दिया।

यह पहली बार नहीं है जब श्रवण कुमार को जनविरोध का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले 27 अगस्त को नालंदा में भी ग्रामीणों ने उन पर और हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी उर्फ प्रेम मुखिया पर हमला कर दिया था। फतुहा में सड़क हादसे में मारे गए नौ लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचे इन नेताओं को ग्रामीणों ने गुस्से में लाठी-डंडों से खदेड़ दिया था। दोनों नेता जान बचाने के लिए तीन गाड़ियां बदलकर वहां से किसी तरह भागे थे।






















