सहरसा जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत निगरानी विभाग (Saharsa Vigilance Action) ने एक बार फिर सख्त संदेश दिया है। पतरघट प्रखंड में तैनात एक राजस्व कर्मचारी को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह कार्रवाई न केवल प्रशासनिक सख्ती का उदाहरण है, बल्कि आम लोगों के लिए यह भरोसे का संकेत भी है कि शिकायत करने पर कार्रवाई जरूर होती है।
गिरफ्तार राजस्व कर्मचारी की पहचान राहुल कुमार के रूप में हुई है, जो जमीन से जुड़े मामलों के निपटारे के बदले लगातार रिश्वत की मांग कर रहा था। पीड़ित रणबहादुर सिंह का कहना है कि उनका वैध काम होने के बावजूद कर्मचारी जानबूझकर फाइल अटकाए हुए था और पैसे नहीं देने पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा था। लंबे समय तक प्रताड़ना झेलने के बाद उन्होंने हिम्मत जुटाकर निगरानी विभाग से संपर्क किया और पूरी घटना की शिकायत दर्ज कराई।
25 से 5 सीटों तक सिमट जाएगी RJD.. संतोष सुमन का तेजस्वी यादव को सख्त संदेश
शिकायत की पुष्टि के बाद निगरानी विभाग ने पूरी रणनीति के साथ जाल बिछाया। जैसे ही राजस्व कर्मचारी ने पांच हजार रुपये की रिश्वत ली, टीम ने उसे मौके पर ही धर दबोचा। कार्रवाई इतनी सटीक थी कि आरोपी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। गिरफ्तारी के बाद उसे पूछताछ के लिए निगरानी विभाग के कार्यालय ले जाया गया, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
इस पूरे मामले पर निगरानी विभाग के डीएसपी मिथिलेश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने आम जनता से अपील की कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है तो डरने के बजाय सीधे निगरानी विभाग से शिकायत करें।






















