नयी दिल्ली: 40 वर्ष बाद सिख विरोधी दंगे (1984) से जुड़े मामले में कां्ग्रेस के पूर्व सांसद को न्यायालय ने दोषी करार दिया है अैर उम्रकैद की सजा सुनाई। बता दें सिख विरोधी दंगे को लेकर दिल्ली के सरस्वती विहार हिंसा मामले में दोषी कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दिल्ली पुलिस और पीड़ितों ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में मानते हुए सज्जन कुमार के खिलाफ फांसी की सजा मांगी थी। पुलिस ने कोर्ट में दाखिल लिखित दलीलों में कहा था कि यह मामला निर्भया केस भी कहीं ज्यादा संगीन है।
निर्भया केस में एक महिला को टारगेट किया गया था, लेकिन यहां पर एक समुदाय विशेष के लोगों को टारगेट किया गया। दिल्ली पुलिस की तरफ से दलील में यह भी कहा गया कि 1984 में सिखों का कत्लेआम मानवता के खिलाफ अपराध है। एक समुदाय विशेष को इस हिंसा के दौरान टारगेट किया गया। इस दंगों ने समाज की चेतना को झकझोर कर रख दिया था।
सज्जन कुमार को दूसरी बार हुई उम्रकैद की सजा
हत्या के आरोपी सज्जन कुमार को इस मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने ही हाल ही में सज्जन कुमार को दोषी ठहराया था। मालूम हो कि सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा दूसरी बार सुनाई गई है। वह पहले से ही दिल्ली कैंट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।