Sakra Vidhan Sabha 2025: बिहार की राजनीति में सकरा विधानसभा सीट (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 92) हमेशा से निर्णायक रही है। मुजफ्फरपुर जिले की यह सीट न केवल राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न रही है, बल्कि जातीय समीकरणों और बदलते जनाधार के कारण यहां मुकाबला हमेशा रोचक बनता आया है। सकरा का इतिहास यह बताता है कि यहां मतदाता केवल परंपरागत वोट बैंक पर नहीं टिके, बल्कि समय-समय पर नेताओं और दलों की नीतियों के आधार पर अपने फैसले बदले हैं।
चुनावी इतिहास
1977 में जनता पार्टी के शिवनंदन पासवान ने कांग्रेस के फकीर चंद राम को हराकर इस सीट पर बदलाव की नींव रखी थी। हालांकि 1980 में कांग्रेस ने वापसी की और फकीरचंद राम ने जीत दर्ज की। 80 और 90 के दशक में शिवनंदन पासवान और कमल पासवान जैसे नेताओं ने इस सीट पर लगातार पकड़ बनाए रखी। 2000 में आरजेडी ने डॉक्टर शीतल राम की जीत के साथ यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
मीनापुर विधानसभा: यादव-मुस्लिम समीकरण और राजनीतिक बदलते रुझानों का गढ़
2005 में जेडीयू ने अपनी ताक़त दिखाई और बिलाल पासवान ने जीत हासिल की। 2010 में जेडीयू के सुरेश चंचल विजयी हुए, जबकि 2015 में राजद-जेडीयू गठबंधन की वजह से लाल बाबू राम को बढ़त मिली और उन्होंने भाजपा उम्मीदवार अर्जुन को मात दी। लेकिन 2020 का चुनाव बेहद दिलचस्प रहा, जब जेडीयू के अशोक कुमार चौधरी ने कांग्रेस के उमेश कुमार राम को मात्र 1,537 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। यह अंतर सकरा की राजनीति में जातीय ध्रुवीकरण और समीकरणों की अहमियत को दर्शाता है।
जातीय समीकरण
सकरा में कुल 2.40 लाख वोटर हैं, जिनमें पुरुष वोटरों की संख्या 1,27,522 और महिला वोटरों की संख्या 1,12,923 है। जातीय समीकरण यहां के चुनाव का वास्तविक चेहरा तय करते हैं। यादव और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं, लेकिन ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, रविदास, कोइरी और पासवान भी हार-जीत का अंतर बनाने में अहम योगदान देते हैं। यही कारण है कि हर दल को यहां उम्मीदवार चयन में जातीय संतुलन साधना पड़ता है।
सकरा विधानसभा सीट पर 2025 का चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है, क्योंकि एक तरफ महागठबंधन की एकजुटता का सवाल होगा, वहीं एनडीए इस सीट पर अपनी पकड़ बरकरार रखने की कोशिश करेगा। कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू और भाजपा के बीच का समीकरण इस सीट को एक बार फिर बिहार की राजनीति में चर्चा के केंद्र में ला देगा।


















