बिहार की राजनीति में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखा वार-पलटवार जारी है। महागठबंधन की इस राजनीतिक पहल पर भाजपा और जेडीयू नेताओं ने एकजुट होकर हमला बोला है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने महागठबंधन और कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “देश के लोगों को बताना चाहिए कि आखिरकार लोकतंत्र का हत्यारा कौन है। कांग्रेस पार्टी ने करीब 100 सरकारों को बर्खास्त किया, जे.पी. आंदोलन के नेताओं को जेल में डाला और लोकतंत्र का गला घोंटा।” उन्होंने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार लगातार जनता के लिए काम कर रहे हैं। महागठबंधन को अपनी ‘गाली-गलौज यात्रा’ के लिए माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो परिणाम भुगतने पड़ेंगे।”
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कांग्रेस और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि “जंगलराज के युवराज और कांग्रेस के युवराज, दोनों का जन्म सोने की चम्मच के साथ हुआ है। ये लोग राजनीति को अपनी जागीर समझते हैं, लेकिन यह बिहार की लोकतंत्र की धरती है। जनता अपमानजनक भाषा का जवाब देगी।”
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बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि “INDIA गठबंधन ने गांधी मैदान में रैली की अनुमति मांगी थी। आवेदन स्वीकृत भी हुआ, लेकिन भीड़ जुटाने की हिम्मत न होने के कारण रैली को जुलूस में बदल दिया गया। यह साफ दिखाता है कि जनता ने महागठबंधन को नकार दिया है।”
जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि “नीतीश कुमार आधुनिक बिहार के विश्वकर्मा हैं। उनके विजन की वजह से बिहार ने 20 सालों में बड़ी प्रगति की है। तेजस्वी यादव के पास खुद का कोई विजन नहीं है, इसलिए दूसरों पर सवाल उठाते हैं।”





















