Bihar politics: बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने उपराष्ट्रपति पद को लेकर नीतीश कुमार के नाम की चर्चा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसका निर्णय भारतीय जनता पार्टी और एनडीए नेतृत्व लेता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस विषय में फैसला केवल शीर्ष नेतृत्व द्वारा किया जाएगा।
Bihar Voter List Rivision: चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब.. विपक्ष अफवाह फैला रहा !
इस बीच बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर काला कपड़ा पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सम्राट चौधरी ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी दलित, पिछड़ा या सामान्य नागरिक जो भारत का वैध नागरिक है, उसका नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा।”
चौधरी ने मतदाता सूची की समीक्षा को लेकर आंकड़े भी पेश किए:
- 98% लोगों ने पुनः परीक्षण के दौरान फॉर्म जमा किया।
- 19 लाख लोग मृत पाए गए।
- 20 लाख लोग बिहार से बाहर स्थानांतरित हुए।
- 8 लाख लोगों के नाम एक से अधिक जगह दर्ज मिले।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 26 जुलाई को समाप्त हो रही है, जिसके बाद सभी पार्टियों को ड्राफ्ट कॉपी के आधार पर आपत्तियाँ दर्ज कराने का अधिकार होगा। सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि कुछ जिलों में, विशेष रूप से किशनगंज में, आवश्यकता से 120% अधिक आधार कार्ड और प्रमाणपत्र देखे गए हैं, जिसकी जांच की जा रही है। चुनाव आयोग और सरकार इस पर गंभीरता से काम कर रही है। काला कपड़ा पहनकर विरोध कर रहे विपक्षियों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है इन पर शनिश्चरा ग्रह हावी हो गया है।”