नई दिल्ली : जेडीयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया की पांच देशों की यात्रा पूरी कर भारत वापसी की है। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को वैश्विक मंच पर मजबूती देना और पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करना था।
संजय झा ने बताया कि मलेशिया में पाकिस्तानी दूतावास ने भारत के कार्यक्रमों को रद्द करने की भरपूर कोशिश की। पाकिस्तान ने इस्लामिक देशों के बीच एकजुटता की बात कहकर मलेशिया पर दबाव बनाने की कोशिश की और भारत पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया। हालांकि, मलेशिया ने पाकिस्तान की अपील को ठुकरा दिया और भारतीय प्रतिनिधिमंडल को अपने सभी 10 कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी। झा ने कहा, “मलेशिया ने साफ कर दिया कि वह पाकिस्तान के दबाव में नहीं आएगा और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन करता है।”
इस दौरे के दौरान इंडोनेशिया ने भी भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का समर्थन किया। झा ने बताया कि इंडोनेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों देशों ने एक्ट ऑफ टेरर और एक्ट ऑफ वॉर के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
संजय झा ने दक्षिण कोरिया के साथ भारत के आर्थिक रिश्तों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “दक्षिण कोरिया की 600 कंपनियां भारत में काम कर रही हैं। उनकी एकमात्र चिंता पर्यटन को बढ़ावा देना है। हमने उन्हें भारत में पर्यटन के अवसरों के बारे में आश्वस्त किया।” झा ने कहा कि इस दौरे से भारत की बात को वैश्विक मंच पर प्रभावी ढंग से रखने में सफलता मिली।
संजय झा ने कहा कि इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के दौरे से दुनिया को भारत की गंभीरता का अहसास हुआ। उन्होंने चार अहम बातें रेखांकित कीं:
- भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई लड़ रहा है, जो सभी देशों की साझा जिम्मेदारी है।
- आतंकवाद के खिलाफ पूरा भारत एकजुट है।
- भारत अब सिर्फ सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं करेगा, बल्कि आतंकवाद का जवाब भी देगा।
- भारत किसी भी तरह के न्यूक्लियर ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा।
झा ने यह भी बताया कि वैश्विक समुदाय ने भारत की आर्थिक प्रगति और नेतृत्व की जमकर सराहना की।
यह प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा था, जिसके तहत सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में गए। संजय झा के अलावा शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे, बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा और डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि जैसे नेताओं ने भी अलग-अलग देशों का दौरा किया। श्रीकांत शिंदे की अगुवाई में एक डेलिगेशन ने यूएई, लाइबेरिया, कांगो गणराज्य और सिएरा लियोन की यात्रा की, जबकि बैजयंत पांडा के नेतृत्व में सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा किया गया। कनिमोझी के ग्रुप ने रूस और स्पेन सहित पांच देशों का दौरा किया।
मलेशिया में पाकिस्तान को मिली नाकामी ने उसकी वैश्विक मंच पर बढ़ती अलग-थलग स्थिति को उजागर किया। पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की कोशिश की और मलेशिया से समर्थन मांगा, लेकिन मलेशिया ने साफ कर दिया कि वह भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ नहीं देगा। यह भारत की कूटनीतिक जीत और वैश्विक समर्थन का एक बड़ा संकेत है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता और मजबूत रुख को दुनिया के सामने प्रभावी ढंग से रखा। संजय झा ने कहा कि यह दौरा भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत करने में सफल रहा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को वैश्विक समर्थन मिला है।