[Team Insider] राज्य में पिछले कुछ दिनों से पुलिस के द्वारा नक्सलियों के मंसूबे लगातार विफल करने का अभियान चलाया जा रहा है। बता दे की पिछले दिनों कुचाई में बड़ी मात्रा में हो रहे अफीम की खेती को पुलिस ने नष्ट कर नक्सलियों की कमर तोड़ डाली। वही ताजा मामला सोमवार को प्रकाश में आया है।
करीब ढाई एकड़ जमीन पर अफीम की खेती नष्ट
जहां पहली बार कांड्रा थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में करीब ढाई एकड़ जमीन पर अफीम की खेती को पुलिस द्वारा नष्ट किया गया। वही किसानों को बहला-फुसलाकर कर अफीम की खेती करायी जाती है। बता दें कि पहाड़ों की तलहटी में बसे गांव पालोबेड़ा और जंगली खास में अफीम की खेती हो रही थी।
दोनों के खिलाफ मामला दर्ज
वह इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सरायकेला के एसपी को गुप्त सूचना मिली। उसके बाद एसपी के निर्देश पर पुलिस पुलिस बल उस जगह पर पहुंचकर अफीम की लहरा रही फसल को नष्ट कर दिया। वही स्थानीय लोगों से पूछताछ पर जमीन मालिक के बारे में जानकारी जुटाई गई। जिसमें पुलिस को महेंद्र एवं हाथनदा निवासी की संलिप्तता मिली। दोनों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है। वहीं थाना प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि इस तरह के अवैध गतिविधियों पर पुलिस की कड़ी नजर रहेगी। उन्होंने लोगों से भी सहयोग करने की अपील की।
कांड्रा सुदूरवर्ती क्षेत्र को बनाया नया टारगेट
दरअसल कुचाई क्षेत्र में बढ़ती दबिश के बाद नक्सलियों ने कांड्रा के सुदूरवर्ती क्षेत्र को नया टारगेट बनाया था। इतने बड़े मात्रा में अफीम की खेती का खुलासा जो अब तक नहीं हुआ था। लेकिन कांड्रा पुलिस के रडार में नक्सलियों के मंसूबे पर पानी फिर गया । मक्कार किस्म के तस्कर भोले-भाले ग्रामीणों के बंजर भूमि के एवज में मोटी रकम देकर अफीम की खेती कराते है और नक्सलियों की मदद से बाहर भिजवाते है । जिस का बड़ा हिस्सा नक्सलियों के पास पहुंचता है।