बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सियासी समीकरण लगातार बदल रहे हैं। इस बार सारण जिले (Saran Politics News) से एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर सामने आया है। जनता दल (यूनाइटेड) को जोरदार झटका देते हुए जदयू सारण जिला अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने पार्टी से इस्तीफा देकर राजद (RJD) का दामन थाम लिया है। उन्होंने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की, जिससे चुनावी माहौल में हलचल मच गई है।
राजद कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई और कहा कि, “अल्ताफ आलम राजू के शामिल होने से पूरे सारण कमिश्नरी में राजद और अधिक मजबूत और सशक्त होगी।” तेजस्वी ने इस मौके पर दावा किया कि जनता अब बदलाव के मूड में है और हर वर्ग से लोग महागठबंधन के साथ जुड़ रहे हैं।
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सूत्रों के अनुसार, इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे तरैया से राजद प्रत्याशी शैलेन्द्र प्रताप सिंह की अहम भूमिका रही। बताया जा रहा है कि उन्होंने अल्ताफ आलम राजू को राजद में शामिल कराने में निर्णायक भूमिका निभाई, जिससे जदयू संगठन को स्थानीय स्तर पर बड़ा नुकसान होने की संभावना है।

अल्ताफ आलम राजू लंबे समय से जदयू संगठन में सक्रिय थे और जिले में उनकी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में उनके पार्टी छोड़ने से नीतीश कुमार की पार्टी के लिए यह एक संगठनात्मक झटका माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम महागठबंधन के लिए मजबूती और एनडीए के लिए चुनौती साबित हो सकता है।
सारण जिला, जो पहले से ही महागठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबले का केंद्र रहा है, अब इस घटनाक्रम के बाद और भी राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया है। जदयू के भीतर मचे असंतोष और टिकट वितरण को लेकर बढ़ते विवादों के बीच राजू का यह फैसला नीतीश कुमार की रणनीति पर सवाल खड़े कर रहा है।

इस मौके पर मढ़ौरा विधायक जितेंद्र कुमार राय, राजद प्रत्याशी शैलेन्द्र प्रताप सिंह, मितेंद्र प्रसाद यादव, हाजी अमजद खान, और विश्वजीत चौहान समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। कहा जा रहा है कि राजद आने वाले दिनों में ऐसे और कई “असरदार चेहरे” को पार्टी में शामिल कराने की तैयारी कर रहा है, ताकि चुनावी समीकरणों को अपने पक्ष में मजबूत किया जा सके।
सारण से रॉकी सिंह बजरंगी की रिपोर्ट






















