वैशाली के राघोपुर पहुंचे नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव राघोपुर प्रखंड के रामपुर श्यामचंद पंचायत में आयोजित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती में शामिल हुए। कार्यक्रम समाप्ति के बाद तेजस्वी यादव ने सतुआनी के मौके पर स्थानीय लग्न देव दास के घर पर सत्तू खाया। इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि सबसे पहले सतू मेरे पिता लालू यादव ने मुझे खिलाए थे। वह जब भी सतू खाते थे। तब हम सभी को बुलाकर खिलाते थे. सतू पचाना आसान नहीं होता है। लिट्टी में भी सत्तू की फीलिंग होती है।
बताते चले की तेजस्वी आज अपनी पार्टी के तरफ से निर्धारित अम्बेडकर जयंती के मौके पर अपने विधानसभा के रामपुर पंचायत पहुंचे थे। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर इसका एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें लिखा है- आज सतुआन ह। सभका के सतुआन के बधाई। आज के दिन लोग गंगा नदी में स्नान, पूजा आदि के बाद जौ के सत्तू, गुर, कच्चा आम के टिकोरा आदि गरीब असहाय के दान करेला आ ईस्ट देवता, ब्रह्मबाबा आदि के चढ़ा के प्रसाद के रूप में ग्रहण करेला।

घर में एह दिन के बहुत खुशी से मनावल जात रहै. पूजा होत रहे. नया घईला आवत रहे। सतुआन के दिन लोग खाली सतुआ के पानी से सानी के, ओकरा प भुनल आ पीसल जीरा छिरिक के, पियाज आ टिकोरा के कूचा आ फुदेना डालल मीठका चटनी हरिहर मरिचा आ आचारो के साथे खाईं जा।
सत्तू कहने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि आप सभी को पता है कि बाबा साहब अंबेडकर का इस देश के लिए क्या योगदान रहा है। बाबा साहब अंबेडकर को आज हर कोई याद कर रहा है। राष्ट्रीय जनता दल ने तय किया है कि बिहार के हर एक पंचायत में बाबा साहेब की जयंती मनाते हैं। उन्होंने देश का संविधान लिखने का कार्य किया और देश संविधान से चलता है। आज हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि हम जीवनभर संविधान की रक्षा करेंगे। संविधान है, तो हम हैं और यही देश है। यदि संविधान खत्म होहे जाएगा, तो देश टुकड़े-टुकड़े बंट जाएगा।
उपेंद्र कुशवाहा ने भी माना- बिहार में सफल नहीं है शराबबंदी
उन्होंने कहा कि संविधान हर जाति और धर्म को जोड़ने का काम करता है। बाबा साहब ने संविधान में दलित और अति पिछड़े भाइयों को आरक्षण दिया। आरक्षण की बदौलत दलित समाज मुख्य धारा में आया है। सामाजिक रूप से दलित समाज ने बहुत प्रताड़ना झेली है। लालू जी की सरकार बनी तो उन्होंने पिछड़ों और अति पिछड़ों को पहचान दिलाई। उन्होंने मंडल कमीशन को लागू करवाने का काम किया गया। पिछड़ों को आरक्षण मिला।