बांग्लादेश के मैमनसिंह शहर में स्थित महान फिल्मकार सत्यजीत रे का पैतृक घर ध्वस्त कर दिया गया है। यह वही इमारत है जहां उनके दादा, प्रख्यात लेखक और चित्रकार उपेंद्र किशोर रे चौधरी रहते थे। भारत सरकार ने इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण, मरम्मत और पुनर्निर्माण की पेशकश की थी, लेकिन इसके बावजूद इसे गिरा दिया गया।
यह इमारत कभी ‘मैमनसिंह शिशु अकादमी’ के रूप में जानी जाती थी। भारत लंबे समय से इस धरोहर को बचाने का प्रयास कर रहा था। विदेश मंत्रालय ने इसे “अफसोसनाक” बताते हुए कहा कि यह एक सांस्कृतिक विरासत के नुकसान के बराबर है।
Parliament Monsoon Session: 9 दिन बढ़ा, आयकर सुधार समेत 8 प्रमुख विधेयकों पर होगी चर्चा
घटनाक्रम पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने भी नाराजगी जताई है। अभिषेक बनर्जी ने कहा, “यह जानकर बेहद दुख हुआ कि ऑस्कर विजेता सत्यजीत रे का पैतृक घर ध्वस्त कर दिया गया। यह न सिर्फ बंगाली संस्कृति बल्कि वैश्विक कला जगत की विरासत पर आघात है।”
उन्होंने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें और भारत सरकार से आग्रह किया कि इस मामले में द्विपक्षीय स्तर पर हस्तक्षेप करे ताकि बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके।